पटना : बिहार ने केंद्र सरकार से पूरे देश में एक समान बिजली टैरिफ नीति लागू करने की मांग की है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से एक देश एक टैरिफ नीति लागू करने का सुझाव दिया. ऊर्जा मंत्रियों के वर्चुअल सम्मेलन में बिहार का पक्ष रखते हुए मंत्री बिजेंद्र यादव ने केंद्र सरकार को बताया कि वर्तमान टैरिफ नीति के कारण बिहार महंगी बिजली खरीदने को विवश है. ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने की. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रधान सचिव ऊर्जा प्रत्यय अमृत, एनबीपीडीसीएल के एमडी संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी, एसबीपीडीसीएल के एमडी संजीवन सिन्हा भी मौजूद रहे.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के पक्ष में नहीं है. साथ ही कहा कि विद्युत अधिनियम में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया जाये, जिससे राज्य सरकार की शक्तियां सीमित हों. संविधान की समवर्ती सूची में शामिल होने के कारण बिजली के संबंध में कानून बनाने से पहले राज्यों की सहमति आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि सभी राज्य अपनी-अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के अनुसार जनहित के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में नीतिगत निर्णय लेते हैं. मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यदि कोई रिफॉर्म पर राष्ट्रीय नीति बनती है, तो उसे बिहार के विशेष परिस्थिति को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक देश एक टैरिफ लागू करने के लिए बिजली दरों के क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करना होगा.
उन्होंने सुझाव दिया कि एनटीपीसी की सभी उत्पादनरत ईकाईयों से उत्पादित बिजली को केंद्रीय पूल की बिजली मानकर पूरे देश के लिए एक औसत दर निर्धारित की जा सकती है. पावर स्टेशनों को आपूर्त्ति किये जा रहे कोयले की गुणवत्ता तय मानक के अनुरूप नहीं रहने के कारण बिजली का दर बढ़ जाता है.
बिहार के बिजली मंत्री ने कहा कि इसके लिए रेल मंत्रालय एवं कोयला मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कोयले की गुणवत्तापूर्ण समय पर आपूर्त्ति सुनिश्चित करने से वितरण कंपनियों को बिजली दर में हो रही इस अनावश्यक वृद्धि से बचाया जा सकता है. मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक 43000 से अधिक प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं, किंतु प्रीपेड स्मार्ट मीटर की अनुपलब्धता एक बड़ी चुनौती है.
लॉकडाउन के समय घरेलू बिजली का उपयोग अधिक किया गया, क्योंकि प्रवासी बिहारी लौटकर अपने घर आये. इस दौरान निर्बाध बिजली दी गयी. उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों के लिए निधि में तरलता लाने हेतु अन्य प्रयास किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने जेनरेशन के बकाया बिल के भुगतान के लिए उदय योजना में कर्ज की सीमा को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का अनुरोध किया.
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार विद्युत सुधार के मामले में अग्रणी राज्य है. हमने सबसे पहले टैरिफ रिफॉर्म किया, जिसे अब पूरे देश में अपनाया जा रहा है. हमारे ही ‘हर घर बिजली’ योजना के तर्ज पर ‘सौभाग्य योजना’ बनायी गयी. राज्य सरकार किसानों को कम दर पर बिजली देकर देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहयोग कर रही है, क्योंकि बिहार सहित पूर्वी क्षेत्र में कृषि के विकास की असीम संभावनाएं भी हैं.
Posted By : Kaushal Kishor