सूर्य ग्रहण काल के दौरान भी खुला रहता है बिहार का यह मंदिर, भगवान पर नहीं पड़ता है सूतक काल का असर

पटना में सूर्य ग्रहण का सूतक सूर्योदय से पहले करीब सुबह 4.42 बजे ही शुरू हो चुका है. पटना में ग्रहण की अवधि करीब आधा घंटा होगी. ग्रहण के दौरान आम तौर पर मंदिरों के पट को बंद रखा जाता है. लेकिन बिहार में एक ऐसा भी मंदिर है. जिसका दर सूर्य ग्रहण के दौरान भी खुला रहता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2022 5:47 PM

Surya Grahan: साल 2022 का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण पटना सहित पूरे बिहार में आज कुछ देर के लिए दिखेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही लग जाता है. ऐसे में पटना में सूर्य ग्रहण का सूतक सूर्योदय से पहले करीब सुबह 4.42 बजे ही शुरू हो चुका है. पटना में ग्रहण की अवधि करीब आधा घंटा होगी. ग्रहण के दौरान आम तौर पर मंदिरों के पट को बंद रखा जाता है. लेकिन बिहार में एक ऐसा भी मंदिर है. जिसका दर सूर्य ग्रहण के दौरान भी खुला रहता है.

भगवान पर भी रहता है सूतक काल का असर

जानकारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान भगवानों पर भी सूतक काल का असर रहता है. लेकिन गया का विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, इस मंदिर का पट हमेशा खुला रहता है. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दिन विष्णुपद मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाती है. सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंदिर में पिंडदान करना और भी शुभ माना जाता है.

ग्रहण के दौरान मंदिर में किया जाता है पिंडदान

मंदिर के पुजारी की मानें तो सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण विष्णुपद मंदिर हमेशा खुला रहता है. ग्रहण के दौरान यहां पिंडदान का विशेष महत्व है. शास्त्रों और पुराणों में भी इसका जि क्र है. विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल की मानें तो ग्रहण काल में भी पट खुले हुए रहते हैं. क्योंकि यहां वेदी की मान्यता है, जिस स्थान पर मूर्ति स्थापित की जाती है. बता दें कि मंदिर में ग्रहण काल के दौरान दूर-दूर से लोग पिंडदान करने के लिए आते हैं. सूर्य ग्रहण काल के दौरान यहां पिंडदान करना उत्तम समय माना जाता है.

स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है ग्रहण

धर्म के जानकारों की मानें तो ग्रहण काल में यहां पिंडदान और भगवान विष्णु के चरण का दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है. बता दें कि ग्रहण काल के दौरान देश भर के मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है. लेकिन विष्णुपद मंदिर देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है. जिसका पट ग्रहण काल के दौरान भी खुला रहता है. इस बार सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 40 मिनट की है. यह ग्रहण विशेष तरह से स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है. भारत के कई हिस्सों में शाम लगभग 4:20 बजे से 5:20 बजे तक आंशिक सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है.

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