बिहार में तैयार हो रहा ”को-ऑपरेटिव विजन”, हर पंचायत के खास उत्पाद के लिए बनेगा को-ऑपरेटिव

को- ऑपरेटिव विजन में सहकारिता अधिकारी कर्मियों के साथ- साथ सहकारिता समितियों के सदस्य किसानों को भी स्मार्ट बनाने को सूचना तकनीक को आधार बनाया जायेगा. इस क्षेत्र की तकनीकी जानकारी दी जायेगी. नियमित प्रशिक्षण होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 5:11 AM

अनुज शर्मा ,पटना: बिहार में सहकारिता के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए सहकारिता विभाग कृषि रोडमैप के साथ- साथ को-ऑपरेटिव विजन का ड्राफ्ट भी तैयार कर चुका है. दूध के क्षेत्र में श्वेत क्रांति कर जिस तरह गुजरात ने अपने किसानों की उन्नति की उसी तरह सब्जी -शहद सहित विभिन्न क्षेत्र के जरिये किसानों को आर्थिक ताकत देने का तानाबाना बुना गया है.

हर पंचायत के खास उत्पाद के लिए बनेगा को-ऑपरेटिव

कृषि प्रधान बिहार के किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए हर पंचायत में वहां की खास उपज- उत्पादों को लेकर को- ऑपरेटिव समिति बने और उत्पाद को सही मूल्य में खरीदने के लिए बाजार समिति की चौखट पहुंचे. इस अवधारणा वाले बड़े बदलाव के लिए सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी की अध्यक्षता में खेत- खलिहान से लेकर बाजार – बैंकिंग क्षेत्र तक के विशेषज्ञों के साथ कई दौर का मंथन हो चुका है.

कानून में होगा बदलाव, सूचना तकनीक बनेगी काम का आधार

सहकारिता क्रांति के लिए सभी जरूरी उपाय और बदलाव में कोई चूक न हो इसके लिए सहकारिता सचिव बंदना प्रेयषी खुद विशेषज्ञों से संवाद कर सहकारिता विजन को आगे बढ़ा रही हैं. सहकारिता के अनुपयोगी कानून काे खत्म करने की तैयारी है. लीगल और रेगुलटरी रिफाॅर्म के तहत को-ऑपरेटिव सोसायटी के कानून की मौजूदा कमियों को दूर करने के लिये सभी जिलों में सब रजिस्ट्रार आदि को कमियां चिह्नित करने के लिए लगा दिया गया है.

बैंक को किसानों के अनुकूल बनाया जा रहा

इंस्टीट्यूशनल रिफॉर्म में जितने भी सहकारी बैंक है, यानी सेंट्रल और स्टेट को-आपरेटिव बैंक को किसानों के अनुकूल बनाया जा रहा है. अलग- अलग समिति का गठन कर उनको बेहतर तरीके से मार्केट उपलब्ध कराया जायेगा. आधारभूत संरचना के तहत सभी समितियों का अपना गोदाम होगा. राइस मिल का निर्माण , सब्जियों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाये जायेंगे.

स्मार्ट होंगे सहकारिता कर्मी व सदस्य

को- ऑपरेटिव विजन में सहकारिता अधिकारी कर्मियों के साथ- साथ सहकारिता समितियों के सदस्य किसानों को भी स्मार्ट बनाने को सूचना तकनीक को आधार बनाया जायेगा. इस क्षेत्र की तकनीकी जानकारी दी जायेगी. नियमित प्रशिक्षण होंगे. मोबाइल वैन पंचायत- पंचायत पहुंचकर प्रशिक्षण देंगी. सभी समितियों का कंप्यूटरीकरण कर सूचना डाटा बैंक बनाया जायेगा. 10 साल से पुराने सभी कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जायेगा.

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कुछ साल का डॉक्यूमेंट्री विजन तैयार किया जा रहा

को-ऑपरेटिव की सचिव बंदना प्रेयषी ने कहा कि कृषि रोडमैप तो बन ही रहा है, विभाग के बजट को ध्यान में रख कर रोडमैप की तर्ज पर कुछ साल का डॉक्यूमेंट्री विजन तैयार किया जा रहा है. सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधि और विशेषज्ञों की सलाह पर यह तैयार किया गया है.को-ऑपरेटिव सेक्टर में हर संभावना पर काम कर बिहार के किसानों में उन्नति लायी जा सके यही हमारा उद्देश्य है.

मुख्य बातें

  • अलग- अलग समिति का गठन कर उनको बेहतर तरीके से मार्केट उपलब्ध कराया जायेगा.

  • आधारभूत संरचना के तहत सभी समितियों का अपना गोदम होगा.

  • राइस मिल का निर्माण होगा , सब्जियों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाये जायेंगे.

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