जमालपुर रेल इंजन कारखाना में हुए वैगन घोटाले में ईडी की कार्रवाई तेज, रिमांड पर लिये दो आरोपित
जमालपुर के रेल इंजन कारखाना में 34 करोड़ रुपये के वैगन घोटाला में ईडी ने कार्रवाई तेज कर दी है. गिरफ्तार दो आरोपितों को रिमांड पर लिया गया है.
रेल इंजन कारखाना जमालपुर में हुए 34 करोड़ रुपये के वैगन(मालगाड़ी) घोटाला मामले में गिरफ्तार दो आरोपितों को ईडी ने मंगलवार को रिमांड पर लिया. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कोर्ट ने इन दोनों व्यक्तियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने का आदेश जारी किया था.
जानकारी में बताया गया है कि इस मामले में सीबीआई द्वारा कई लोगों से लगातार पूछताछ की जाती रही है. जिन लोगों को रिमांड पर लिया गया है. उनमें जमालपुर रेल कारखाना में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव और पटना के बिल्डर अनिल सिंह शामिल है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एमएस महारानी स्टील के मालिक देवेश सिंह को भी ईडी ने एक सप्ताह के रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की थी.
रेल इंजन कारखाना जमालपुर में स्क्रैप मैटेरियल के डिस्पोजल के क्रम में वैगन घोटाला को अंजाम दिया गया था. इसके अंतर्गत वर्ष 2013 से 2017 के बीच रेल कारखाना से स्क्रैप डिस्पोजल के नाम पर धोबी घाट स्क्रैप साइडिंग में लगभग एक सौ वैगन और उसके पहिये तथा अन्य फिटिंग को गायब कर दिया गया था. जिसका मूल्य लगभग 34 करोड़ रुपये है.
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पटना के प्राइवेट एजेंसी श्री महारानी स्टील द्वारा रेल कारखाना के सुपरवाइजर लेवल से ऐसएजी ग्रेड के अधिकारी के साथ मिलीभगत कर इस काम को अंजाम दिया गया था. जिसे लेकर पूर्व रेलवे के चीफ विजिलेंस ऑफिसर यूके बल ने जांच के क्रम में इस घोटाले का उद्भेदन किया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए घोटाले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गयी थी और तब सीबीआई के तत्कालीन एसपी नगेंद्र प्रसाद ने 9 फरवरी 2018 को बैगन घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से अब तक इस प्रकरण की लगातार जांच हो रही है और मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस में ईडी द्वारा भी कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में मंगलवार को दो गिरफ्तार आरोपितों को विस्तृत जानकारी के लिए रिमांड पर लिया गया है.