Waqf Board: 3 सितंबर को जब यह बात सामने आई की वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने राजधानी पटना के फतुहा इलाके के गोविंदपुर गांव की जमीन पर दावा ठोक दिया है, तब गांव वालों में खलबली सी मच गई. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि वक्फ बोर्ड यहाँ बरसों से रह रहे कुछ लोगों को जमीन खाली करने को कहा है. इस मामले ने जब तूल पकड़ना शुरू किया तो बीजेपी सांसद और जेपीसी सदस्य डॉ. संजय जायसवाल फतुहा के गोविंदपुर पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की.
क्या बोले बीजेपी सांसद
डॉ. संजय जायसवाल ने फतुहा में कहा, ‘जिस संपत्ति के बारे में बात हो रही है, वह 1910 में हिंदुओं के नाम से अंकित है. खतियान में भी यह हिंदुओं की जमीन है. उसे वक्फ करा लिया गया है. सुन्नी बोर्ड के जिम्मेदार लोग इस गलती में शामिल हैं. वार्ड कमिश्नर के चुनाव हारने पर इस तरह के तिकड़म आजमाए जा रहे हैं.’ उन्होंने बिहार सरकार से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जल्द से जल्द जेल भेजना चाहिए.
जायसवाल ने आगे कहा, ‘कई लोगों को तो यह भी पता नहीं कि उनकी संपत्ति वक्फ में डाल दी गई है. किसी की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने के लिए जमीन मालिक को पता होना चाहिए.’ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में एक मंदिर की जमीन को वक्फ ने अपना बता दिया गया है, जो इस्लाम की स्थापना से पहले से है.
कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव में सात घरों की जमीन पर दावा पेश करते हुए कहा था कि यह जमीन कब्रिस्तान की है. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराइ और एक बोर्ड लगा दिया। वक्फ बोर्ड ने ग्रामीणों को 30 दिनों के अंदर घर को खाली करने का समय दिया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गांव में 90 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू धर्म मानने वाले लोग रहते. वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन खाली करने के आदेश के बाद हिंदुओं ने कहा था कि यह उनकी पुश्तैनी जमीन है. हिंदुओं के पास इस जमीन के सभी कागजात मौजूद है.
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