रेवेन्यू मॉडल से ही कचरा प्रबंधन संभव, वेस्ट से वेल्थ बढ़ाएं : सम्राट
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सूबे में कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान रेवेन्यू मॉडल से ही हो सकता है.
संवाददाता, पटना उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सूबे में कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान रेवेन्यू मॉडल से ही हो सकता है. कचरा प्रबंधन को उद्योग के रूप में विकसित कर वेस्ट (कचरे) से वेल्थ (धन) बनाया जा सकता है. कचरे से बनने वाले हाइड्रोजन गैस से वाहन चलेंगे ही इससे बिजली भी बन सकती है. वे गुरुवार को राजधानी पटना में ठोस कचरा प्रबंधन पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, हरियाणा व तमिलनाडु के नगर विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ ही देश-विदेश की 24 कंपनियों के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया. उन्होंने अपने शहरों में ठोस कचरा पर हो रहे बेहतर कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया. इससे पहले उद्घाटन सत्र में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को लेकर बिहार के लोगों में मानसिकता की कमी नहीं है. छठ पर्व के दौरान यह साफ दिखता है. अगर नगर निकाय सुविधा देकर पैसे मांगेंगे तो किसी को देने में दिक्कत नहीं होगी. श्री चौधरी ने कहा कि नगर निकायों को कचरा प्रबंधन के लिए पैसे की कोई दिक्कत नहीं है. इसके लिए राज्य सरकार के पास अलग से 4000 करोड़ रुपये का फंड है. उन्होंने कहा कि 2014 में उनके नगर विकास मंत्री रहते उन्होंने कचरा प्रबंधन की व्यवस्था खड़ी थी. शहर में हाइड्रोजन से बस तक चलाये गये, लेकिन फिर पीछे छूट गये. उसको अब मुकाम तक पहुंचाने का समय आ गया है. अध्ययन कर एक महीने के अंदर तैयार होगा रोडमैप : नितिन कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि कार्यशाला में बेस्ट प्रैक्टिसेज के प्रस्तुतीकरण से मिले सुझावों के आधार पर एक महीने के अंदर भविष्य का रोडमैप तैयार हो जायेगा. वार्ड स्तर तक कार्ययोजना बनाते हुए उसको जमीन पर उतारने की कोशिश रहेगी. विभाग, जनप्रतिनिधि और एक्जीक्यूटिव तीनों को मिल कर इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी होगी. यह सम्मिलित प्रयास से ही संभव हो सकता है. उन्होंने कहा कि हम प्रोसेसिंग व रिसाइक्लिंग में काफी पीछे हैं. एक मिशन के रूप में इस पर काम होगा. इसके लिए आइआइटी रूड़की की भी मदद ली जा रही है. नगर विकास मंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे शहरी निकायों को जोड़ते हुए कई कलस्टर बना कर काम कराया जायेगा. विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से जो भी वर्क प्लान तैयार होगा, उसको ससमय जमीन पर उतारने में विभाग कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा. उद्घाटन सत्र को शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक (स्वच्छ भारत मिशन) विनय कुमार झा, विभाग की सचिव आशिमा जैन ने भी संबोधित किया. मौके पर सभी संयुक्त सचिव आरिफ हसन, सभी 19 नगर निगमों के आयुक्त एवं कई नगर परिषदों के कार्यपालक पदाधिकारी उपस्थित रहे. स्वच्छता के लिए 1154 करोड़ रुपये की योजनाएं मंजूर पटना. राष्ट्रीय कार्यशाला में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय के निदेशक (स्वच्छ भारत मिशन) विनय कुमार झा ने बताया कि एसबीएम-2 में बिहार के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इनमें से 1154 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी भी दे दी गयी है. बिहार सरकार जितनी जल्दी योजनाओं को लागू करेगी, उतना जल्द रिजल्ट मिलेगा. साथ ही राशि भी आवंटित होती जायेगी. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य शहरों को कचरामुक्त बनाना है. हम 2026 तक लैंडफिल यानी कचरे की डंपिंग को पूरी तरह खत्म कर देना चाहते हैं. रोडमैप तैयार कर करेंगे काम : आनंद किशोर : नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने कहा कि राज्य के 261 शहरों में कचरा प्रबंधन के कई प्रस्ताव हैं. इसको देखते हुए ही देश के कई शहरों के नगर विकास अधिकारियों व देश-विदेश की कंपनियों को बुला कर उनके बेहतर कार्यों का प्रस्तुतीकरण लिया गया. इसके आधार पर राज्य के अनुकूल योजनाओं का चयन कर उनको क्रियान्वित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रस्तुतीकरण पर गंभीरतापूर्वक विचार करने को लेकर एक टीम बनायी गयी है, जो एक सप्ताह में अपनी अनुशंसा देगी. इसके आधार पर राज्य सरकार के स्तर से रोडमैप तैयार करने पर निर्णय लिया जायेगा. प्रधान सचिव ने कहा कि पटना में कचरे से बिजली के साथ ही अन्य निकायों में मेटेरियल रिकवर फैसिलिटी मशीन, गीले कचरे से बायो मीथेन गैस, प्लास्टिक के समुचित निदान सहित कई परियोजनाओं पर काम हो सकता है.
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