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‘डे जीरो’ ओर बढ़ता बिहार, नवंबर में ही सूखने लगे चापाकल, पाताल पहुंचा 11 जिलों का भूजल स्तर

Water Crisis: विभागीय अधिकारियों के अनुसार जलवायु परिवर्तन एवं भूजल के लगातार दोहन के कारण लगभग 11 जिलों में भूजल से संबंधित शिकायतें अक्टूबर में आयी हैं, लेकिन सात जिलों में बोर के ड्राई होने, कम डिस्चार्ज होने अथवा बोर फेल की समस्याएं बढ़ी हैं.

By Ashish Jha | November 4, 2024 9:42 AM
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Water Crisis: पटना. बिहार का जलसंकट गहराता जा रहा है. बिहार धीरे-धीरे ही सही ‘डे जीरो’ की ओर बढ़ रहा है. अक्टूबर नवंबर में ही नदिया सूख रही हैं और भूजल पाताल लोक की ओर जा रहा है. यह हाल अभी है तो मई जून में क्या होगा. विभागीय अधिकारियों के अनुसार जलवायु परिवर्तन एवं भूजल के लगातार दोहन के कारण लगभग 11 जिलों में भूजल से संबंधित शिकायतें अक्टूबर में आयी हैं, लेकिन सात जिलों में बोर के ड्राई होने, कम डिस्चार्ज होने अथवा बोर फेल की समस्याएं बढ़ी हैं.

सतही जल को शुद्ध करके उपयोग में लाने की योजना

विभागीय सूत्रों की माने तो ऐसे इलाकों के काम को पूरा करने के लिए पीएचइडी ने 2579 करोड़ की योजना बनायी गयी है. भूजल संकट झेल रहे बिहार के 11 जिलों में लोगों को जल संकट के स्थायी निदान करने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. इसके साथ ही सतही जल को शुद्ध कर उसके उपयोग जाने का काम शुरू हो गया है. लोगों तक पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है.

जिन जिलों में हो सकता है गंभीर जल संकट

बिहार के सबसे कम भूजल उपलब्धता वाले जिलों में मुंगेर,बांका, भागलपुर, जमुई, कैमूर, गया, बक्सर, दरभंगा, अरवल, बिहारशरीफ एवं नवादा सबसे ऊपर है. इन जिलों में भूजल की स्थिरता नहीं रहने से लोगों को जल संकट से पिछले तीन-चार वर्षों से सबसे अधिक जूझना पड़ता है. पीएचइडी की भूजल रिपोर्ट के मुताबिक यहां पानी के कम डिस्चार्ज होने से बोरिंग, बोरबेल तक जलने की शिकायतें भी लगातार बढ़ रही है.

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इन बातों की लगातार पहुंची है शिकायत

विभाग का कहना है कि भूजल का स्तर नीचे जाने के कारण मुंगेर, बांका, भागलपुर, जमुई, कैमूर गया, नवादा जिलों में जलापूर्ति योजना के जल के स्रोत का स्थायित्व करने की आवश्यकता पड़ी है. अगर ऐसा कुछ नहीं किया, तो जल्द ही इन क्षेत्रों में जल संकट और बढ़ेगा. विभाग के मुताबिक इन जिलों में जल संकट को दूर करने के लिए निकटवर्ती सतही जल स्रोत से पानी को पाइप के माध्यम से पानी की समस्या वाले क्षेत्रों तक पहुंचाया जायेगा. प्रभावित क्षेत्र के लिए सतही जल से योजना लेने के लिए प्रारंभिक कार्य कराया जायेगा.

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