पटना. गंगा के जल स्तर में अब कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि अगले दो दिनों में एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ सकता है. इसको लेकर गंगा के किनारे बचे शहर और गांव की चिंता बढ़ गयी है. पटना जिला प्रशासन ने कहा है कि बाढ़ के खतरे पर लगातार नजर रखी जा रही है. प्रशासन की ओर से बाढ़ को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है.
बुधवार की सुबह छह बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक गांधी घाट पर गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से पांच सेंटीमीटर नीचे चला गया है. यहां गंगा का जल स्तर अब 48.55 मीटर है, जबकि यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है. दो दिन पहले यहां जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया था.
वहीं, गंगा का जल स्तर हाथीदह में अब भी खतरे के निशान से ऊपर है. यहां खतरे का निशान 41.76 मीटर और जल स्तर 41.85 मीटर है. फतुहा में खतरे का निशान 47.00 मीटर है. वहां जल स्तर 46.92 मीटर है. दीघा घाट पर खतरे का निशान 50.45 मीटर है, गंगा का जलस्तर 49.65 मीटर है. मनेर में खतरे का निशान 52 मीटर है, जबकि गंगा का जल स्तर 51.43 मीटर था.
इधर, कहा जा रहा है कि गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने वाला है. इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हो गया है. उत्तर प्रदेश में गंगा में मिलने वाली केन और बेतवा जैसी नदियों में खूब पानी आ रहा है. यही वजह है कि बिहार के बक्सर में गंगा के जलस्तर में आ रही कमी अब थम गई है. यहां आज से जलस्तर में वृद्धि का रुख फिर से शुरू हो सकता है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर अफसरों को अलर्ट किया है. उन्होंने मंगलवार को पटना में गंगा के जलस्तर का जायजा लिया. उन्हें बताया गया कि सोन दी के जलस्तर में वृद्धि का असर गंगा में भी देखने को मिल रहा है. बिहार में गंगा बक्सर के रास्ते प्रवेश करते हुए भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर, भागलपुर आदि जिलों से होकर बहती है.
वैशाली के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ना थम गया है, लेकिन यह स्थिति कब तक रहेगी, कहना मुश्किल है. यहां निचले इलाकों में रहने वाले लोग चिंतित हैं. सारण जिले के दिघवारा में पिछले कई दिनों से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जलस्तर बढने से प्रखंड के दियारा व गंगा तटीय क्षेत्र के लोगों में बाढ़ का खतरा सताने लगा है.