बिहार में नदियों का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है. इसमें गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा नदियां प्रमुखता से शामिल हैं. वहीं गंगा नदी का जलस्तर पटना में सोमवार को खतरे के निशान को पार कर सकता है. नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुये जल संसाधन विभाग के अधिकारी और इंजीनियर 24 घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं. बांधाें की सुरक्षा बेहतर करने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है. साथ ही स्थानीय प्रशासन की तरफ से नदियों के निचले इलाकों में रहने वालों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.
सूत्रों के अनुसार रविवार को केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार बक्सर में गंगा नदी खतरे के निशान से 90 सेंमी नीचे थी, इसमें सोमवार दोपहर तक 20 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. पटना के दीघा घाट में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 93 सेंमी नीचे था. इसमें 32 सेंमी वृद्धि हो सकती है. पटना के गांधीघाट में गंगा खतरे के निशान से 21 सेंमी नीचे थी, इसमें 31 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. हाथीदाह में यह खतरे के निशान से 48 सेंमी नीचे था, इसमें 43 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है.
गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान से 38 सेंमी नीचे थी, इसमें 13 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. खगड़िया में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 104 सेंमी नीचे थी, इसमें 20 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के रुन्नी सैदपुर में बागमती नदी खतरे के निशान से 82 सेंमी नीचे थी, इसमें 43 सेंमी कमी और बेनीबाद में यह खतरे के निशान से 30 सेंमी नीचे थी, इसमें 42 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है.
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मधुबनी जिले के जयनगर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से 100 सेंमी नीचे थी, इसमें 40 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से सेंमी ऊपर थी इसमें आठ सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है. खगड़िया के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 57 सेंमी नीचे थी, इसमें 30 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है.