बिहार में मौसम अब करवट लेने लगा है. बारिश ने राजधानी पटना में दस्तक दिया तो अब मानसून को लेकर लोगों के अंदर एक अलग चिंता पैदा होने लगी है. पटना के कई इलाके बारिश की पानी से तबाही का श्राप झेलते आए हैं. इस बार मानसून के पहले ही नालों की सफाई और संप हाउस के रखरखाव को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी गयी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद ने बरसात शुरू होने से पहले राजधानी के सभी नालों की सफाई सुनिश्चित करने व संप हाउसों के बेहतर रखरखाव का निर्देश दिया है. गुरुवार को नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के साथ व्यापक चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जून माह में वे खुद इसकी समीक्षा करेंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी भी हालत में पटना में जल जमाव की स्थिति नहीं होनी चाहिए. इस मौके पर नगर आयुक्त ने सांसद को आश्वस्त किया की बड़े नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है. इसको और तेज किया जायेगा. छोटे नालों एवं संप हाउस के रखरखाव की पूरी तैयारी चल रही है.वहीं नगर निगम ने भी अपनी तैयारी मजबूत रहने का दावा किया है.
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मानसून में जलजमाव के आफत से निपटने के लिए पटना नगर निगम की तैयारी अब अंतिम चरण में है. बताया जा रहा है कि बड़े नालों की सफाई पूर्ण रूप से की जा चुकी है. शिल्ट हटाने का काम लगातार किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ छोटे खुले नाले, मेनहॉल और कैच पिट की सफाई भी जोर-शोर से की जा रही है.नगर आयुक्त के निर्देश पर रोजाना डे और नाइट शिफ्ट में नाला उड़ाही व शर्ट हटाने का कार्य किया जा रहा है.
मानसून में राजधानी पटना में आफत बनकर दस्तक देने वाले जलजमाव को लेकर अब गंभीरता भी बढ़ाई गयी है. नगर आयुक्त के निर्देश पर नाला उड़ाही में लगे सभी पदाधिकारियों को अब शपथ पत्र देना होगा. जिसमें वो ये पुष्टि करेंगे कि उनके क्षेत्र का नाला साफ हो चुका है. पूरे मानसून सीजन में उनके क्षेत्र के नाले की जिम्मेदारी उनकी ही होगी. अगर किसी तरह समस्या होती है या उड़ाही में लापरवाही होती है तो इसके जिम्मेदार वो पदाधिकारी ही होंगे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan