बिहार में शुरू होगी नदियों को जोड़ने की योजना, पानी जांच कराने के लिए बनेगा प्लेटफॉर्म

अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में नदियों को जोड़ने की परिकल्पना को मोदी सरकार फिर से शुरू कर रही है. इसके लिए देशभर में 31 जगहों पर नदियों को जोड़ने की योजना को चिह्नित किया गया है. शनिवार को एक होटल में आयोजित बिहार ग्राम संसद कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ये बातें कहीं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 14, 2021 7:11 AM

अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में नदियों को जोड़ने की परिकल्पना को मोदी सरकार फिर से शुरू कर रही है. इसके लिए देशभर में 31 जगहों पर नदियों को जोड़ने की योजना को चिह्नित किया गया है. शनिवार को एक होटल में आयोजित बिहार ग्राम संसद कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ये बातें कहीं.

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि नदी जोड़ योजना का कार्यान्वयन जल्द शुरू होगा. देश में 31 योजनाओं में 18 योजनाएं बिहार के साथ अन्य राज्यों से जुड़ी हैं. इनमें आठ योजनाएं बिहार के अंदर नदियों को जोड़ने की है. इसकी शुरुआत कोसी मेची योजना से होगी है. इसकी तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है. इससे दो लाख हेक्टेयर भूमि को फायदा मिलेगा. मंत्री ने कहा कि 17 वीं शताब्दी में बिहार में ही बेतिया राज ने चंद्रावत नदी और गंडक नदी को जोड़ने की व्यवस्था की थी. उस समय पहली बार नदियों को जोड़ने का काम किया गया था.

मंत्री ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय पानी जांच कराने के लिए एक प्लेटफाॅर्म की शुरुआत करने जा रहा है. इसमें कोई भी व्यक्ति 25-30 रुपये देकर अपने पीने या खेत आदि के पानी की जांच करा सकता है. पानी जांच का काम भी महिलाएं ही करेंगी. प्रत्येक पंचायत में इसके लिए पांच-पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा.

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उन्होंने बताया कि इस्राइल व भारत के वैज्ञानिक मिल कर एक-एक सेंसर आधारित पानी सप्लाइ की शुरुआत करने जा रहे हैं. मंत्री ने बताया कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के दिन प्रधानमंत्री जल शक्ति से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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