गुणवत्ता प्रभावित इलाकों के जलापूर्ति स्रोतों की होगी जांच
राज्य में गुणवत्ता प्रभावित इलाकों के जलापूर्ति स्रोतों की जांच कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि तालाब,पोखर सहित अन्य जगहों पर संरक्षित पानी का उपयोग खेती को और उपजाऊ बनाने में हो सके.
खेतों व जानवरों को मिलेगा शुद्ध पानी
संवाददाता, पटना
राज्य में गुणवत्ता प्रभावित इलाकों के जलापूर्ति स्रोतों की जांच कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि तालाब,पोखर सहित अन्य जगहों पर संरक्षित पानी का उपयोग खेती को और उपजाऊ बनाने में हो सके. साथ ही, पक्षी और भी उस पानी को पीकर बीमार नहीं हों. जल स्रोतों की पहचान के बाद उन सभी इलाकों को चिह्नित किया जायेगा, जहां का पानी खेतों में उपयाेग होता है. बेहतर पानी से फसल भी अच्छी होती है. राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य में सभी वैसे जल स्रोतों की खोज होगी, जो पहले व्यापक क्षेत्र में फैला था. वहीं, वैसे जलापूर्ति क्षेत्र की जांच भी होगी जिसका उपयोग अभी खेत के पटवन और जानवरों को पिलाने में किया जाता है.
आठ मानकों पर होगी जांच
जल जीवन मिशन के अनुरोध पर सार्वजनिक तालाबों, पोखरों के जल नमूनों का कुल आठ पैरामीटर पर जांच होगी. यह जांच त्रैमासिक कराने का निर्णय लिया गया है. साथ ही, इस संबंध में जिला जांच प्रयोगशाला में सतही जांच के लिए उपकरण व रसायन आदि सामग्रियों को उपलब्ध करा दिया गया है. पीएचइडी के मुताबिक जल नमूनों की जांच कराने के लिए जल नमूना संग्रह बोतल, ग्लासवेयर एवं अन्य सामग्रियों के लिए राशि की स्वीकृति भी मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है