जाति आधारित गणना हमने करवायी : तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार के वंचित और उपेक्षित वर्गों का कल्याण हो, इसके लिए जातिगत जनगणना कराने के लिए राजद ने वर्षों सड़क से सदन तक संघर्ष किया. जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, तो महज 17 माह में हमने देश में पहली बार जाति आधारित गणना करवायी
संवाददाता, पटना नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार के वंचित और उपेक्षित वर्गों का कल्याण हो, इसके लिए जातिगत जनगणना कराने के लिए राजद ने वर्षों सड़क से सदन तक संघर्ष किया. जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, तो महज 17 माह में हमने देश में पहली बार जाति आधारित गणना करवायी और आंकड़ों को प्रकाशित भी कराया और उन्हीं आंकड़ों पर सभी वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गयी. दिसंबर 2023 में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष भी इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने का आग्रह किया, पर आरक्षण विरोधी भाजपा और एनडीए सरकार ने इससे इन्कार कर दिया. डबल इंजन की सरकार बनने के आठ माह बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ है. नयी आरक्षण सीमा के अंतर्गत प्रदेश की लाखों नियुक्तियों में नौकरी पाने से पिछड़े, अतिपिछड़े और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग वंचित रह जायेंगे. तेजस्वी ने कहा लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद भी हमने कहा था कि अगर भाजपा व जदयू पिछड़ा और वंचित वर्ग हितैषी हैं, तो बिहार की आरक्षण सीमा को नौवीं अनुसूची में डालें. देश में जातिगत गणना कराएं और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें, पर तीनों में से कोई काम नहीं हुआ.
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