पटना : बिहार में अगले 72 घंटे मुसीबत भरे साबित हो सकते हैं. दरअसल मेघ गर्जन के साथ भारी बारिश एवं व्यापक तीव्रता वाले ठनका के गिरने की आशंका है. मौसम विभाग ने कुछ जगहों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. खासतौर पर राज्य के उत्तर-प्रश्चिमी जिलों एवं गंगा के मैदानी इलाकों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है.
आइएमडी पटना की तरफ से जारी हाई अलर्ट में कहा गया है कि इस मौसमी परिस्थिति में जान-माल को भारी नुकसान पहुंच सकता है. बिजली और परिवहन व्यवस्था भी बाधित हो सकती है. नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की समुचित आशंका है. आपदा प्रबंधन ने प्रदेश के प्रत्येक जिलों को अलर्ट कर दिया है.
खासतौर पर ठनका को लेकर किसानों को चेतावनी दी गयी है कि वह बादल गरजने के समय पक्के मकानों में शरण लें. खेत में हरगिज नहीं जायें. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक ट्रफ लाइन उपयुक्त स्थित में होने बिहार और झारखंड में निम्नदाब का केंद्र बनने एवं मध्यप्रदेश में बना चक्रवातीय क्षेत्र बिहार की तरफ शिफ्ट हो जाने से अगले 72 घंटे मौसमी दशाओं के लिहाज से खासे संवेदनशील बन गये हैं.
बिहार में मॉनसूनी बारिश अभी तक 1100 मिलीमीटर से ऊपर हो चुकी है. मौसम विज्ञानियों का मत है कि 2002 के बाद की यह सबसे अच्छी दशा होगी, जब खरीफ और रबी की जरूरत और पर्यावरणीय दशाओं के लिए उपयुक्त बारिश हो रही है. हालांकि, पिछले 18 सालों में पांच बार सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है. इस बार कुछ बेहतर दशाएं हैं. उल्लेखनीय है कि बुधवार को पूरे प्रदेश में मॉनसून सक्रिय हो चुका है. इसकी वजह से कई जगहों पर भारी बारिश हुई है.
24 से 26 सितंबर तक भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच बिहार वासियों को पिछले साल 28, 29 और 30 सितंबर को हुई भारी बारिश याद है. हालांकि, मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 27 सितंबर से स्थिति साफ हो जाना चाहिए़. हालांकि, अगर पूर्वानुमान से परे बारिश हुई, तो पिछले साल की स्थितियां बन सकती हैं. जानकारों के मुताबिक, शहरी निकायों के लिए इसके लिए अलर्ट रहना चाहिए.