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बिहार में अगले 48 घंटे के बीच होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, पढ़े Weather रिपोर्ट

Bihar Weather News: बिहार में 31 मार्च से 02 अप्रैल के बीच उत्तर-पूर्वी हिस्सों में कहीं हल्की बारिश तो कहीं बौछार की संभावना बनी हुई है. मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि इस दौरान अधिकतम तापमान में कमी बनी रहेगी पर दो अप्रैल के बाद फिर मौसम के तेवर बदल सकते हैं.

बिहार में भीषण गर्मी शुरू हो चुकी है. मार्च महीने में मौसम ने यू टर्न लेकर अचानक करवट बदल लिया है. आसमान में छाए बादलों ने कड़क धूप के गरम तेवर पर न केवल ब्रेक लगा दिया है, बल्कि समय से पहले गर्मी सी झुलसते लोगों को भी राहत दी. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तो अगले 48 घंटों तक मौसम शुष्क बना रहेगा और 31 मार्च से 02 अप्रैल के बीच उत्तर-पूर्वी हिस्सों में कहीं हल्की बारिश तो कहीं बौछार की संभावना बनी हुई है. मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि इस दौरान अधिकतम तापमान में कमी बनी रहेगी पर दो अप्रैल के बाद फिर मौसम के तेवर बदल सकते हैं.

बिहार के पूर्णिया जिले में बारिश की संभावना

बिहार के पूर्णिया जिले में बारिश होने की संभावना पूरी बनी हुई है. बीते सोमवार से ही आसमान में बादलों का बसेरा बना हुआ है. हालांकि सोमवार को दोपहर बाद धूप खिली थी पर मंगलवार को सुबह से शाम तक बादलों के बीच धूप ओझल रही. इस बीच दस से बारह किलो मीटर की रफ्तार से हवा चलती रही. बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान में पिछले एक सप्ताह के बाद लुढ़का है. मंगलवार को पूर्णिया का अधिकतम तापमान 33.0 एवं न्यूनतम तापमान 24.0 डिसे. दर्ज किया गया.

अधिकतम तापमान लुढ़का

इसी तरह बीते सोमवार को अधिकतम तापमान 33.0 डिसे और न्यूनतम तापमान 24.8 डिसे. था. इससे पहले रविवार को अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस था. इस तरह पिछले चौविस घन्टे में अधिकतम तापमान 3.4 डिग्री नीचे लुढ़का है. अधिकतम तापमान नीचे गिरने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली. सोमवार से पहले अधिकतम तापमान 37 डिग्री पार होने से गर्मी से लोग बेहाल थे. मार्च में ही लोग मई-जून जैसी गर्मी पड़ने लगी थी.

चिलचिलाती धूप व गर्म हवाओं ने कराया लू का एहसास

तापमान में निरंतर बढ़ोतरी परेशानी का सबब बनता जा रहा है. दिन में तेज धूप के साथ गर्म हवा मार्च के महीने में मई के मौसम का अहसास करा रही है. यही स्थिति अभी बनी रहेगी. लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है. ऐसे प्राथमिक उपचार के तौर पर लू लगने पर ओआरएस का घोल पीना चाहिए. इसके इलाज के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार तेज धूप और लू का सबसे अधिक खतरा नवजात शिशुओं एवं 65 साल से अधिक बुजुर्गों में होता है.

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