जनवरी में हिलाकर रख देने वाली कड़ाके की ठंड ने फरवरी की शुरुआत से ही अपने पांव समेट लिये. आधा महीना बीतने के बाद तो फरवरी, मार्च सी गर्मी का अहसास कराने लगी है. शरीर से ऊनी कपड़ों के उतरने के बाद भी पसीना आ रहा है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान निरंतर औसत से अधिक रिकार्ड हो रहा. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय फरवरी के अंतिम सप्ताह में इसमें और बढ़ोतरी का पूर्वानुमान जता रहे हैं यानी मानक तिथि से पहले ही गर्मी के आगमन पर मुहर लगा रहे हैं. उनके अनुसार ऐसा परिवर्तन तेज रफ्तार से चल रही शुष्क पछुआ हवा के चलते हो रहा है.
मौसम विज्ञानी के अनुसार फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस है. पर सोमवार को यह 30.8 और 16.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ. यानी अधिकतम तापमान औसत से 4.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान औसत से 4.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकार्ड हुआ.
यह सिलसिला अब थमने वाला नहीं. मंगलवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. यानी मार्च से शुरू होने वाली गर्मी फरवरी से शुरू हो जायेगी. ऐसा 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही पछुआ हवा के चलते हो रहा. यह शुष्क हवा वातावरण की नमी को कम कर दे रही है, जिससे रिकार्ड तापमान से भी अधिक गर्मी का अहसास हो रहा. आने वाले समय में यह रफ्तार 20 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जायेगी, ऐसे में नमी और कम होने के साथ गर्मी बढ़ जायेगी.
मौसम विज्ञानी के मुताबिक गर्मी पहले आने की स्थायी वजह ग्लोबल वार्मिंग है. वायुमंडल की ऊपरी सतह पर एयरोसोल के जम जाने से सूर्य की गर्मी जमीन तक तो पहुंच रही है, पर उसे जिस मानक में वापस ऊपर जाना चाहिए, ऐसे गर्मी के आने और जाने के मानक में 10 प्रतिशत का अंतराल बढ़ गया है. यह बढ़ा अंतराल भी गर्मी को पहले आने में सहयोग कर रहा. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ना और समुद्र की ऊपरी सतह का सापेक्षिक रूप से गर्म होना भी है.