पूर्वोत्तर राज्य से तीस प्रतिनिधियों का स्वागत, 28 जनवरी तक शहर के विभिन्न प्रोग्राम में होंगे शामिल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंतर-राज्य छात्र-जीवन दर्शन (सील) के अंतर्गत चल रही ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के तहत भारत के पूर्वोत्तर राज्य से तीस प्रतिनिधि पटना पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 9:50 PM

संवाददाता, पटना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंतर-राज्य छात्र-जीवन दर्शन (सील) के अंतर्गत चल रही ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के तहत भारत के पूर्वोत्तर राज्य से तीस प्रतिनिधि पटना पहुंचे. शुक्रवार को प्रतिनिधियों का स्वागत पटना जंक्शन स्वागत समिति के महामंत्री पप्पू वर्मा के नेतृत्व में पटना महानगर के कार्यकर्ताओं ने पुष्प की वर्षा कर और ढोल नगाड़ों के साथ किया. पप्पू वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा में भाग ले रहे प्रतिनिधि 24 से 28 जनवरी तक पटना में मेजबान परिवार के साथ रहेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे. बिहार की परंपरा व संस्कृति को जानने व समझने का अवसर प्राप्त होगा. सील के संयोजक मंतोष सुमन ने कहा की आज राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के तहत पटना आये प्रतिनिधियों का बिहार की पावन धरती पर स्वागत है. पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को शेष भारत के राज्यों से प्रत्यक्ष परिचय कराने और सकारात्मक मूल्यों को आत्मसात करने का यह अवसर निश्चित ही उन्हें जीवन में आगे बेहतर करने की प्रेरणा देगा. प्रतिनिधियों का रात्रि विश्राम मेजबान परिवारों के साथ होगा. इस कारण पारिवारिक मूल्यों के प्रति भी प्रतिनिधियों को जानने के अवसर मिलेंगे. इस यात्रा से यहां के लोगों को पूर्वोत्तर की समृद्धि संस्कृति तथा विरासत से सीधे जुड़ाव का अवसर प्राप्त होगा. स्वागतकर्ता के रूप में प्रांत मंत्री सुमित कुमार, प्रांत संगठन मंत्री रौशन सिंह, प्रांत मीडिया संयोजक रविकरण कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रतिभा मिश्रा, केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य गौरव मिश्रा, प्रांत सह मंत्री शशि कुमार, महानगर मंत्री प्रियरंजन सिंह, प्रशांत गौतम, विक्की शाह, अनिमेष आनंद, सौरभ कुमार, प्रियांशु ओझा, मोनालिसा घोष, हरिओम दिनकर एवं सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे. वर्ष 1965 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग (सील) की स्थापना की गयी जो भारत के प्रत्येक छात्र के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने के एक विनम्र उद्देश्य के साथ काम करती है. इसमें पूर्वोत्तर भारत और देश के बाकी हिस्सों समृद्ध संस्कृति तथा विरासत से सीधे जुड़ाव का अवसर देती है.

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