Commando Surgery: पटना पीएमसीएच के कैंसर रोग विभाग में जबड़े की सर्जरी शुरू कर दी गयी है. यहां डॉक्टरों ने पहली बार कमांडो विधि से सर्जरी कर पीड़ित के मुंह, जबड़े और गले के कैंसरग्रस्त बड़े हिस्से को अलग किया. इसके बाद छाती से मांस और चमड़े का हिस्सा लेकर जबड़ा का पुननिर्माण भी किया. यह ऑपरेशन डॉ आइएस ठाकुर के यूनिट में कैंसर सर्जन डॉ अमित कुमार और सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ आलोक रंजन की टीम ने किया.
गुटखा और खैनी से हुए थे कैंसर ग्रसित
डॉक्टरों ने बताया कि गुटखा और खैनी खाने के कारण नालंदा जिला के जंगसारी गांव निवासी 43 वर्षीय मरीज प्रदीप कुमार त्रिवेदी मुंह के कैंसर से ग्रसित हो गया था. नवंबर 2024 में इस बात का उसको पता चला जिसके बाद कमांडो विधि से इसका इलाज किया गया.
पीएमसीएच में पहली बार हुई सर्जरी
डॉ आलोक ने बताया कि पीएमसीएच के इतिहास में पहली बार किसी मरीज की कमांडो सर्जरी की गयी है. यह सर्जरी साढ़े तीन घंटे तक चली. टीम में डॉ अमित, डॉ आलोक के अलावा डॉ कुणाल कुमार, डॉ कुणाल आनंद, डॉ अभिषेक अंकुर व एनेस्थेटिक डॉ रवि रंजन शामिल थे.
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क्या होता है कमांडो सर्जरी?
कमांडो सर्जरी मुंह के कैंसर के लिए की जाती है. इसमें तीन चरण होते हैं. जो निम्नलिखित हैं.
- पहला चरण: कैंसरग्रस्त जबड़े, मुंह और गले के हिस्से को हड्डी सहित हटाया जाता है.
- दूसरा चरण: गर्दन से लिम्फ नोड्स (गिलटियां) हटाई जाती हैं, जिससे कैंसर के फैलाव को रोका जाता है.
- तीसरा चरण: छाती से मांस और चमड़े का टिशू लेकर जबड़े और मुंह की रिकंस्ट्रक्शन की जाती है, जिससे मरीज का चेहरा और बोलने की क्षमता यथासंभव सामान्य बनी रहती है.
इस सर्जरी के बाद, मरीज कैंसर मुक्त हो जाता है और सामान्य जीवन जीने की संभावना बढ़ जाती है. यह सफलता पीएमसीएच के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और बिहार में कैंसर सर्जरी के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी. बढ़ते गुटखा और खैनी सेवन से मुंह के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस तरह की सर्जरी से कई मरीजों को नया जीवन मिल सकता है.
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