कौन बनेगा बिहार का अगला डीजीपी, एक महिला आइपीएस समेत इन तीन नामों पर हो रही चर्चा

बिहार कैडर के डीजी रैंक के 11 अफसरों में फिलहाल छह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि पांच बिहार में ही विभिन्न विभाग संभाल रहे हैं. वरीयता में 1986 बैच के शीलवर्द्धन सिंह और 1987 बैच के ए सेमा रंजन सबसे वरिष्ठ हैं, लेकिन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. उनके बाद 1988 बैच के अरविंद पांडेय का नाम है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2022 11:37 AM
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पटना. बिहार के वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजीव कुमार सिंघल का विस्तारित कार्यकाल 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त हो रहा है. मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि उनको अब सेवा विस्तार नहीं मिलने जा रहा. उनका कार्यकाल मात्र दो महीने ही शेष होने की वजह से नये डीजीपी की तलाश शुरू हो गयी है. एसके सिंघल के रिटायरमेंट के बाद बिहार में डीजी रैंक के 11 अफसर बचेंगे, जिनके बीच से नये डीजीपी का चुनाव होगा.

11 में छह डीजी अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर

बिहार कैडर के डीजी रैंक के 11 अफसरों में फिलहाल छह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि पांच बिहार में ही विभिन्न विभाग संभाल रहे हैं. वरीयता में 1986 बैच के शीलवर्द्धन सिंह और 1987 बैच के ए सेमा रंजन सबसे वरिष्ठ हैं, लेकिन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. उनके बाद 1988 बैच के अरविंद पांडेय का नाम है. श्री पांडेय डीजी सह कमिश्नर सिविल डिफेंस, बिहार के पद पर हैं. 1988 बैच के ही डीजी मनमोहन सिंह भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. 1989 बैच के आलोक राज बिहार में डीजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

शोभा ओहातकर के नाम पर भी हो रहा मंथन

1990 बैच से दो डीजी हैं, जिनमें आरएस भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, जबकि शोभा ओहातकर होमगार्ड व अग्निशमन सेवाएं बिहार के डीजी पद पर कार्यरत हैं. इनके अलावा 1991 बैच के तीन अफसर विनय कुमार, प्रवीण वशिष्ठ और प्रीता वर्मा ,जबकि 1992 बैच के डीजी एके अंबेदकर भी डीजी पद पर हैं. बिहार में कार्यरत डीजी रैंक के तीन अफसरों अरविंद पांडेय, आलोक राज या शोभा अहोतकर में से ही किन्हीं को डीजीपी बनाये जाने की चर्चा है.

विस चुनाव से पहले सिंघल ने संभाली थी जिम्मेदारी

एसके सिंघल ने पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद 2020 विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार संभाला था. 20 दिसंबर, 2020 को उनको पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त कर दिया गया. उनका कार्यकाल मात्र आठ महीने का था और वे 31 अगस्त, 2021 को रिटायर करने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनका कार्यकाल 19 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया था.

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