Winter vacation: विंटर वेकेशन में देश-विदेश ही क्यों है जाना, अपना बिहार भी है पर्यटन स्थलों का ठिकाना
विंटर वेकेशन में आप बिहार के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर जाकर न केवल इसकी समृद्ध सांस्कृतिक व विरासत का अनुभव लें सकेंगे, बल्कि अपने वेकेशन को भी इंजॉय कर सकेंगे.
विंटर वेकेशन व नव वर्ष की शुरुआत कुछ ही दिनों हो जायेगी. इस छुट्टी को इंजॉय करने के लिए कई लोग देश-विदेश की सैर की प्लानिंग कर रहे हैं. लेकिन इस बार आप कुछ अलग ट्राई करना चाहते हैं, तो आज हम आपको बिहार के कुछ बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं. जो यकीनन आपकी छुट्टियों का मजा दोगुना कर देंगी. अपने बिहार में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है. सूबे में है कई पर्यटन स्थल, जहां घने जंगलों सहित खूबसूरत पहाड़ियों एवं झील-झरनों तक का कर सकेंगे दीदार
बिहार का कैमूर जिला अब पर्यटक हब बन चुका है. यहां दूर-दूर से सैलानी घूमने के लिए आते हैं. कैमूर पहाड़ी की ख्याति भी किसी से छिपी नहीं है. पर्यटन स्थल के मामले में कैमूर जिला काफी समृद्ध है. यहां करमचट बांध, करकटगढ़, तेलहर कुंड समेत कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जो सैलानियों के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र है. कैमूर पहाड़ी में कई झरने छिपे हुए हैं. दुर्गावती नदी पर बना करमचट बांध दुर्गावती परियोजना बांध के नाम से चर्चित है.
रोहतास जिले में स्थित रोहतासगढ़ किला को भारत के साथ-साथ बिहार का भी सबसे प्राचीन और रहस्यमयी किला माना जाता है. कहा जाता है कि इस किले का निर्माण युद्ध के दौरान छिपने के लिए किया गया था. रोहतासगढ़ में रोहितासन या चौरासन सीढ़ी मंदिर, पार्वती मंदिर, कठौतिया घाट, सिंह दरवाजा, लाल दरवाजा, राजभवन या महल सराय, किलेदार महल, पंच महल, हाथी पोल, फूल महल, बारादरी, राजा का महल, रानी का महल, नाच घर, गणेश मंदिर आदि दर्शनीय हैं.
राजगीर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यह स्थान राजगीर रेलवे स्टेशन से लगभग एक किमी की दूरी पर स्थित है. विश्व शांति स्तूप राजगीर का सबसे प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल है. यहां आप घोड़ा कटोरा, झील, शांति स्तूप और चिड़ियाघर घूम सकते हैं. इसके साथ ही यहां के अद्भुत ग्लास ब्रिज पर चढ़कर पहाड़ी का आनंद ले सकते हैं. राजगीर का वाइल्डलाइफ सफारी भी शानदार टूरिस्ट डेस्टिनेशन है.
सासाराम बिहार का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है. यह रोहतास का जिला मुख्यालय है. यहां आप मंदिर, मकबरा, पहाड़ी, हरियाली से लेकर जलप्रपात तक का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां की हरियाली, पहाड़ी, किले और कल-कल बहती नदियों और झरनों के बीच आकर आप जिम कॉर्बेट और मसूरी- कैम्पटी झील को भूल जायेंगे. शेरशाह सूरी का मकबरा भी यहीं स्थित है, जिसे दूसरा ताज महल भी कहा जाता है.
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया के आसपास के इलाके में कई पर्यटक स्थल हैं. यहां पर्यटक बाघ, पक्षी, इतिहास, धर्म और खेल के संगम से रू-ब-रू होते हैं. यह रोमांच और अध्यात्म का केंद्र भी है. एक ओर हिमालय पर्वत और उसकी तलहटी में बसा यह नगर अपनी समृद्ध विरासत और मनोहारी परिदृश्य से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यह महात्मा गांधी की कर्मस्थली भी है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अतुलनीय है.
बिहार के प्रमुख जिलों में से एक मुंगेर है. पटना से इस शहर की दूरी करीब 180 किलोमीटर है. गंगा नदी के किनारे बसा मुंगेर बेहद खास है. प्राचीन काल में ये शहर अंग देश का हिस्सा हुआ करता था. मुंगेर वह धरती है, जहां सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी. यहां स्थित भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य अपनी खूबसूरती और जैव-पक्षी विविधता के लिए प्रसिद्ध है. ठंड के मौसम में देश-विदेश से भीमबांध में हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने और छुट्टियां मनाने आते हैं.
जहानाबाद जिले में स्थित है बराबर की गुफाएं और चट्टानों को काटकर बनायीं गयी सबसे पुरानी गुफाएं. इनमें से अधिकांश गुफाओं का संबंध मौर्य काल (22-185 ईसा पूर्व) से है और कुछ में अशोक के शिलालेखों को देखा जा सकता है. ये गुफाएं देश के शैलोत्कृत गुफाओं में प्राचीनतम मानी जाती है. यह पुरास्थल राजधानी से 80 किलोमीटर दक्षिण एवं गया शहर से 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.
लखीसराय जिले के पवई गांव में स्थित ब्रह्मस्थान बहुत ही प्रसिद्ध जगह है. यहां स्थित लाली पहाड़ी जो नया पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है. इस बार यहां नव वर्ष मनाने का आनंद बेहद खास होगा. गंगा घाटी में उत्खनन द्वारा प्राप्त एक मात्र बौद्ध मठ, जो किसी टीले पर अवस्थित है और पूर्णतः महिला भिक्षुणियों के लिए समर्पित था. चीनी यात्री हुएनसांग द्वारा भी इसका उल्लेख अपने यात्रा वृतांत में किया गया है.
बिहार के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में बोधगया का नाम आता है, जो एक हिंदू तीर्थ स्थल है. अगर गया घूमने जा रहे हैं तो यहां बोधगया, महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, मंगला गौरी तीर्थ, बराबर गुफाएं, चीनी मंदिर और मठ, बोधि वृक्ष, बोधगया पुरातत्व संग्रहालय, थाई मंदिर, रायल भूटान मठ और मूचालिंडा झील देख सकते हैं.
यह वह जगह है जहां अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था. वैशाली लिच्छवी शासकों की राजधानी रही है. महावीर का जन्म स्थान होने के कारण वैशाली में अवशेष स्तूप, कुटागारशाला विहार, विश्व शांति शिवालय, राज्याभिषेक टैंक, बावन पोखर मंदिर, राजा विशाल का गढ़, चौमुखी महादेव, कुंडलपुर आदि स्थित हैं, जहां पर्यटक घूमने जा सकते हैं.