राज्यभर में हर घर नल का जल योजना में महिलाएं दे रही हैं सुझाव

मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना में पुरुषों से अधिक महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.पीएचइडी अधिकारियों के मुताबिक महिलाएं योजना संबंधी शिकायत सबसे अधिक दे रही हैं

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 1:33 AM

– पीएचइडी के मुताबिक योजना संबंधी शिकायत करने में भी आगे संवाददाता, पटना

मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना में पुरुषों से अधिक महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.पीएचइडी अधिकारियों के मुताबिक महिलाएं योजना संबंधी शिकायत सबसे अधिक दे रही हैं.2016 से जलापूर्ति योजना में बढ़- चढ़ कर काम में लगे हुए हैं. वहीं, पेयजल की सफलता में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है. पेयजल सुविधा के निर्माण के बाद इनकी मरम्मत व साफ- सफाई में महिलाएं आगे आ रही हैं. महिलाएं जलापूर्ति योजना के बेहतर संचालन के लिए अपना 100 प्रतिशत योगदान दे रही हैं.

मरम्मत में काफी सुझाव आ रहे

नल जल योजना में लीकेज मरम्मत व टैप बदलने का अब महिलाएं करने लगी हैं. पटना, गया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीवान, सीतामढ़ी, अरवल, जहानाबाद व भोजपुर की 150 से भी अधिक पंचायतों में महिलाएं पेयजल को बेहतर करने में काम कर रही हैं.योजना संबंधी शिकायत के साथ महिलाएं अपने सुझाव में योजना को बेहतर करने के लिए सामने आकर अपनी बातों को रख रही हैं.

Bजल चौपाल में भी महिलाओं की भागीदारी अधिक

ग्रामीण इलाकों में योजना के बेहतर संचालन के लिए जल चौपाल लगाया जाता है. विभाग के मुताबिक जल चौपाल में भी महिलाएं सबसे अधिक आकर सुझाव देती हैं. इनमें लीकेज, नल के टोंटी की खराबी व पानी की बर्बादी रोकने संबंधी कई सुझाव देती हैं, इन पर अमल करके योजना को और बेहतर किया गया है.

महिला ने कही अपनी बात

मधुबनी के अंधराथाड़ी प्रखंड की बिंदा देवी ने कहा कि पहले उनके गांव में फिनाइल, सैनेट्री पैड, टॉयलेट क्लीनर नहीं मिलता था. किसी को जरूरत हुई तो मधुबनी या अंधराथाड़ी बाजार जाना होता था, लेकिन यह सहज उपलब्ध है.दिन -रात कभी भी जरूरत हो यह दुकान पर मिल जाता है. .नल का टोंटी टूटने पर कम से कम 24 घंटे का समय नया टोंटी लगाने में लगता था. हजारों लीटर पीने का पानी बर्बाद होता था. अब तो पांच से दस मिनट में नल का टोंटी बदल जाता है.

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