सूबे के 15 प्रतिशत स्टार्टअप में महिलाएं कर रही हैं नेतृत्व
बिहार में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स में से 15 फीसदी से अधिक स्टार्टअप महिलाओं के हैं. यह संख्या सामान्य तौर पर कम लग सकती है, लेकिन उत्साहजनक है.
संवाददाता,पटना बिहार में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स में से 15 फीसदी से अधिक स्टार्टअप महिलाओं के हैं. यह संख्या सामान्य तौर पर कम लग सकती है, लेकिन उत्साहजनक है. यह देखते हुए कि उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या नगण्य ही रही है. बिहार में अभी तक 816 स्टार्टअप्स पंजीबद्ध किये गये हैं. इनमें महिला स्टार्टअप की संख्या 126 है. खास बात यह है कि अधिकतर स्टार्टअप 2022 पॉलिसी आने के बाद पंजीबद्ध किये गये हैं. आधिकारिक जानकारी के अनुसार 126 पंजीबद्ध महिला स्टार्टअप्स में से छह को पांच फीसदी एक्सट्रा इन्सेंटिव दिया गया. यह इन्सेंटिव करीब करीब दो लाख रुपये से अधिक का है. इससे साफ जाहिर है कि महिला उद्यमी इस क्षेत्र में काफी मेहनत कर रही हैं. उदाहरण के लिए आस्था सिंह की तरफ से संचालित ग्रामश्री एग्री सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और रिद्धिमा कुमारी की इंटरमिंगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड महिलाओं के खास स्टार्टअप हैं. इनके टर्न ओवर क्रमश: तीन करोड़ और 45 लाख पहुंच गया है, जिन्होंने सरकारी मदद के बाद काम शुरू किया. इन्हें उद्योग विभाग ने हाल ही में प्रोत्साहित भी किया है. राज्य में 15 प्रतिशत एक्सट्रा इन्सेंटिव एससी और एसटी के सात उद्यमियों को दिया गया है. यह राशि करीब 8.70 लाख दी गयी है. बिहार सरकार ने करीब 680 स्टार्टअप कंपनियों को 42.29 करोड़ से अधिक के सीड फंड दिये हैं. इसमें 2017 की पॉलिसी के तहत 145 कंपनियों को 11.42 करोड़ और 2022 की स्टार्टअप पॉलिसी के तहत 533 स्टार्टअप को 30.87 करोड़ का सीड फंड दिये जा चुके हैं. सीड फंड से आशय किसी नव स्टार्टअप उद्यम की वित्तीय मदद के लिए दी गयी रकम से है. उद्योग विभाग स्टार्टअप्स को संरक्षित और विकसित करने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर्स बना रही है. अब तक आइआइटी पटना, निफ्ट पटना, एसएबीएजीआरआइ के एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर्स सहित 21 अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन केंद्र संचालित किये जा रहे हैं.
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