Women Bikers Of Patna: बाइक राइडिंग का ख्याल आते ही दिमाग में सबसे पहले लड़कों का विचार सामने आता है. लेकिन, मौजूदा दौर में महिलाएं राइडिंग में भी अन्य दूसरे क्षेत्रों की तरह पुरुषों को बराबरी का टक्कर दे रही हैं. आज हम कुछ ऐसी ही महिला बाइकर्स का जिक्र करने जा रहे हैं, जो अपनी ड्राइव से कई धारणाओं को तोड़ रही हैं. पटना की ये स्टाइलिश महिला बाइकर्स न केवल बाइक चलाती हैं बल्कि, इनमें से कई ‘सोलो राइड’ से लेकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं. वहीं इनमें कुछ महिलाएं सोशल कॉज के लिए बाइक राइड कर लोगों को जागरूक करती हैं.
1. सोशल एक्टिविस्ट व सोलो राइडर हैं तबस्सुम अली
तबस्सुम अली पेशे से सोशल एक्टिविस्ट हैं. वे एक अच्छी सोलो राइडर भी हैं. इनके पास 2014 से रॉयल एनफिल्ड बाइक है. इन्होंने अपने भाई की मदद से इसे चलाना सीखा था. पहली बार वे 2019 में सोलो राइड पर गयी थीं. 15 दिनों में उन्होंने 5000 किलोमीटर अकेले भ्रमण किया था. उनकी जिज्ञासा है कि बाइक से पूरे देश की यात्रा करें. वे कहती हैं, बाइक से देश भ्रमण पर निकलने का एक मेन मकसद है कि भारत में एकल महिलाओं, विधवा, तलाकशुदा, उम्र दराज और अविवाहित महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके. वो महिलाएं किसी पर बोझ न बनें. अभी वे एजुकेट गर्ल प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं.
2. बाइक राइड कर अर्चना गुप्ता बना चुकी हैं रिकॉर्ड
खेमनीचक पटना की रहने वाली अर्चना गुप्ता पिछले सात साल से बाइक चला रही हैं. इसमें उनका साथ उनके पति निर्मल कुमार देते हैं. उन्होंने ही अर्चना को बाइक चलाना सिखाया था. अर्चना कहती हैं, मेरे पति को बाइक ड्राइव कर दूसरे राज्यों में जाना अच्छा लगता है. जब उन्होंने मुझे बाइक चलाकर साथ चलने के लिए प्रेरित किया, तो मैं ना नहीं कर पायी. 2019 में हमने पहला रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें हम विश्व के पहले कपल थे, जो अमरनाथ से होते हुए लेह-लद्दाख बाइक से पहुंचे थे. हाल ही में हमने दूसरा रिकॉर्ड भी बनाया है. हमें फास्टेस्ट बाइक एक्सपीडिशन ऑफ चार धाम उत्तराखंड से नवाजा गया है.
3. आइकॉनिक एमटी गर्ल से पहचानी जाती हैं आयुषी
पटना की आयुषी अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं. पहले स्कूटी चलाती थीं, फिर महिला बाइकर्स को देखा तो उनसे प्रेरणा ली और बाइक चलाना भी सीख लिया. फिर सोशल मीडिया पर ‘आइकॉनिक एमटी गर्ल’ से वीडियो बनाकर अपलोड करने लगी. अभी उनके 27000 फॉलोअर्स हैं. आयुषी कहती हैं, मैं सामाजिक कार्य के लिए आयोजित होने वाली रैलियों का हिस्सा बनती हूं. सासाराम, रोहतास, राजगीर और बोधगया इस सिलसिले में बाइक से जा चुकी हूं. जल्द पटना से नेपाल जाने की प्लानिंग है. हेलमेट, नी गार्ड, शोल्डर गार्ड, जैकेट जरूर पहनती हूं.
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4. पहली बार नेपाल सोलो ट्रिप कर लौटी हैं तनु
बेली रोड की रहने वाली तनु कुमार गुरुंग पिछले डेढ़ साल से बाइक से सोलो राइड पर जा रही हैं. मैंने हैंडबॉल में पिछले 15 सालों तक बिहार का प्रतिनिधित्व किया है. स्पोर्ट्स से थी तो बाइक चलाना अच्छा लगता था. घरवालों का भरपूर सहयोग मिला है. आना-जाना बाइक से करती हूं. अभी प्राइवेट स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर हूं. पिछले साल नेपाल के लिए दोस्तों के साथ बाइक राइड पर निकली थी लेकिन किसी कारणवश उनके दोस्तों को वापस लौटना पड़ा. फिर मैंने अकेले ही वहां तक पहुंची. नेपाल से हैं तो वहां के स्थानीय लोगों से मदद मिली और रात में रुकने का ठिकाना भी मिला.
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