नीतीश राज में महिलाओं को मिला सम्मान और सुरक्षा, पुलिस में बढ़ी हिस्सेदारी तो आया सामाजिक बदलाव
Women in Bihar: बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को आरक्षण देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें संबल और आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. आज समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिला है. सरकार ने उन्हें सम्मान के साथ सुरक्षा भी प्रदान की है.
Women in Bihar: पटना. महिलाओं के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतीश सरकार ने न सिर्फ अलग-अलग योजनाओं का पिटारा खोल रखा है, बल्कि पुलिस बहाली में आरक्षण का प्रावधान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम भी कर रही है. बिहार में वर्ष 2006 से पहले बिहार पुलिस बहाली में महिलाओं की संख्या काफी कम थी, लेकिन वर्ष 2013 में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस की बहाली में उन्हें 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया. तब जाकर बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ. पुलिस की बहाली में महिलाओं को आरक्षण देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें संबल और आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है.
महिलाओं को महला बराबरी का हक
पुलिस की बहाली में महिलाओं के आने से सामाजिक बदलाव भी आया है. समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिला है. सरकार ने उन्हें सम्मान के साथ सुरक्षा भी प्रदान की है. पूरे पुलिसिंग सिस्टम पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा है. अब पीड़ित महिलाओं को थाने में जाकर अपनी शिकायत करने में कोई गुरेज नहीं है. अब वे बिना झिझक के थाने जाती हैं और महिला पुलिसकर्मियों को अपनी शिकायत दर्ज कराती हैं.
पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण
1 जनवरी, 2005 को बिहार पुलिस में महज 893 महिला पुलिसकर्मी और पदाधिकारी थीं, लेकिन वर्ष 2013 में बिहार पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद उनकी संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई. बिहार पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है, जिसकी वजह से इनका प्रतिशत बढ़कर 29 प्रतिशत के करीब हो गया है, जो देशभर में सर्वाधिक है। वर्तमान में राज्य में करीब 29 हजार महिला पुलिसकर्मी बिहार पुलिस की सेवा में कार्यरत हैं. बिहार में जहां 29 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं वहीं दिल्ली में 12.30 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं, जबकि महाराष्ट्र में 12.52 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं तो तमिलनाडु में 18.50 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं.
संख्या मामले में तीसरे नंबर पर
पिछले 18 वर्षों में बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या में 27 गुना की वृद्धि हुई है. हालांकि संख्या के मामले में सर्वाधिक महिला पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश में हैं. उत्तर प्रदेश में कुल पुलिस बल की क्षमता 3 लाख 3 हजार 450 है, जिसमें 29 हजार, 112 महिला पुलिसकर्मी हैं. यह कुल संख्या का 9.59 प्रतिशत है. इसके अलावे महाराष्ट्र में 2 लाख, 14 हजार 776 पुलिसकर्मी हैं, जिसमें 26 हजार 890 महिला पुलिसकर्मी हैं जो कुल संख्या का 12.52 प्रतिशत है.
प्रतिशत के मामले में अव्वल है बीमार
संख्या के मामले में बिहार इन दोनों राज्यों के बाद है, लेकिन प्रतिशत के मामले में अव्वल है. तमिलनाडु का स्थान भी बिहार के बाद ही है. वहां पुलिस बल की कुल क्षमता 1 लाख 12 हजार 745 है जिसमें 20 हजार, 861 महिला पुलिसकर्मी हैं, जो कुल क्षमता की 18.50 प्रतिशत है. बिहार के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक 19.15 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं. देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस बल की कुल क्षमता 82 हजार, 195 है, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 10 हजार, 110 है जो कुल क्षमता का 12.30 प्रतिशत है.
राष्ट्रीय औसत से आगे है बिहार
अभी पुलिस में महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 16.05 प्रतिशत है, जबकि बिहार पुलिस में महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 29 प्रतिशत है. यानी राष्ट्रीय औसत से 13 प्रतिशत अधिक है. अभी बिहार में पुलिसवालों की कुल संख्या 01 लाख 20 हजार है वहीं 65 हजार और पुलिसवालों की बहाली होने से यह संख्या बढ़कर 01 लाख 85 हजार हो जाएगी, जिससे पुलिस-पब्लिक अनुपात भी सुधरेगा.
649 व्यक्ति पर 1 पुलिस बल
वर्तमान में पुलिस-पब्लिक अनुपात 1000 की आबादी पर 01 पुलिस बल है, जबकि पुलिसवालों की संख्या बढ़ने से यह अनुपात घटकर 649 व्यक्ति पर 1 पुलिस बल का हो जाएगा, जिससे प्रभावी पुलिसिंग में मदद मिलेगी. बिहार में पहली बार महिला बटालियन का गठन हुआ है. सभी 40 पुलिस जिलों में एवं 4 रेल पुलिस जिलों में एक-एक महिला थाने की स्थापना एवं इसके लिए विभिन्न कोटि के 647 पदों का सृजन किया गया है. अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन हुआ है.
पुलिसिंग सिस्टम में आया सुधार
बिहार में पुलिस की बहाली के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई घोषणाएं की हैं. पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए 78 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी. वर्तमान में बिहार पुलिस में 1 लाख 10 हजार पुलिसकर्मी हैं और इसे बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार किया जाना है. बिहार में पुलिसिंग सिस्टम में सुधार किया गया है, जिससे अपराध में कमी आई है. बिहार में पहली बार चार ट्रांसजेंडर दारोगाओं की नियुक्ति की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में नौकरी की बहार आई हुई है. खासकर बिहार पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण देकर मुख्यमंत्री ने एक मिसाल पेश की है, जो न केवल काबिलेतारीफ है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय भी है.
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