महिलाओं को खून की कमी को ले किया जागरूक
भारत की महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत आम है. इसे सरल भाषा में खून की कमी भी कहते हैं. हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स (कोशिकाएं) होती हैं, जो शरीर के सभी हिस्सों तक खून को पहुंचाती हैं.
संवाददाता, पटना
भारत की महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत आम है. इसे सरल भाषा में खून की कमी भी कहते हैं. हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स (कोशिकाएं) होती हैं, जो शरीर के सभी हिस्सों तक खून को पहुंचाती हैं. जब इनकी मात्रा कम होने लगती है तो ऑक्सीजन की भी कमी होने लगती है. ऐसे में नया खून बनने में बाधा आती है. इसी समस्या को एनीमिया कहा जाता है. ऐसे में खून की कमी न हो इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. यह कहना है स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ पूनम लाल का. पटना ऑब्स एंड गायनी सोसाइटी (पॉग्स) का किशोरी स्वास्थ्य पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन रविवार को संपन्न हो गया. दूसरे दिन फोग्सी की वाइस प्रेसिडेंट डॉ निरजा भाटला ने कहा कि 9 से 15 साल उम्र की किशोरियों को एचपीवी टीका का दो डोज छह महीने के अंतराल पर देने से आजीवन सर्वाइकल कैंसर से बचाव हो सकता है. स्त्री रोग विशेषज्ञों को इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरुकता फैलानी चाहिए.
मासिक के दौरान होने वाले दर्द के प्रति होना चाहिए जागरूक : सम्मेलन के दूसरे दिन बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं भी कार्यक्रम में शामिल हुईं. डॉ पूनम दीक्षित व आइजीआइएमएस प्रजनन औषधि विभाग की अध्यक्ष डॉ कल्पना सिंह ने कार्यक्रम में आधुनिक युग में किशोरी स्वास्थ्य एक नया रूप विषय पर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. डॉ पूनम ने बताया कि यदि किशोरियों को मासिक के दौरान दर्द हो तो यह एडोमेड्रियोसिस हो सकता है. शुरुआती अवस्था में इलाज होने से परेशानियों से बचा जा सकता है. दूसरे दिन डॉ शांति राय, डॉ सुषमा पांडे, डॉ उषा डिडवानिया, डॉ सुप्रिया, डॉ मीना सामंत, डॉ कुमकुम, डॉ उषा कुमारी, डॉ अंजना सिन्हा, डॉ रंजना सिंहा, डॉ मुक्ता अग्रवाल, डॉ जरीन, डॉ ज्योति, डॉ विनीता सिंह और डॉ रजनी समेत 400 स्त्री एवं प्रसूति रोग की डॉक्टर शामिल हुईं.
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