राजधानी पटना का करबिगहिया पावरग्रिड 24 घंटे महिलाओं के संपूर्ण प्रबंधन में चलने वाला बिहार का पहला पावर ग्रिड है. पिंक पावरग्रिड के नाम से चर्चित इस पावर सब स्टेशन में कुल 13 महिलाएं कार्यरत हैं, जिनका नेतृत्व सहायक विद्युत अभियंता मोनिका कुमारी करती हैं. यहां पेपर वर्क से लेकर तकनीकी कार्य तक सभी तरह की जिम्मेदारी महिलाएं बखूबी निभा रही हैं. बिहार में एक दशक पहले तक पहले ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नहीं के बराबर थी. लेकिन, पावर होल्डिंग कंपनी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जुलाई, 2017 में पटना स्थित करबिगहिया ग्रिड का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं को सौंप दिया.
दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक और तीसरी व आखिरी शिफ्ट रात के दस बजे से सुबह छह बजे तक होती है. प्रत्येक शिफ्ट में तीन महिला कर्मी कार्यों का संचालन करती हैं. मॉनीटरिंग, इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करने से लेकर ग्रिड से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तक सभी कार्य यहां महिलाओं के ही जिम्मे है. पिंक पावर ग्रिड में सुविधा के लिए लेबोरेटरी, स्टोर रूम, एइइ रूम, कॉमन रूम, बैटरी रूम, चार्जर रूम की अलग-अलग व्यवस्था की गयी है. सहायक विद्युत अभियंता मोनिका कुमारी ने बताया कि कंपनी ने सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा है, क्योंकि महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर रही हैं.
सुरक्षाकर्मी की तैनाती के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. करबिगहिया पावर ग्रिड राजधानी पटना का एक महत्वपूर्ण पावर सब स्टेशन है, जो मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स और सब्जीबाग सहित राजधानी के कई व्यस्ततम इलाकों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है. इसके तहत आने वाले क्षेत्रों में बिजली से संबंधित किसी प्रकार की त्रुटि होने पर ग्रिड में स्थित पैनल्स का अलार्म स्वतः बजने लगता है, जिससे महिला कर्मियों को त्रुटि की जानकारी हो जाती है. इसके तुरंत बाद महिला बिजलीकर्मी, सुरक्षाकर्मी (गार्ड) के साथ मौके पर पहुंच कर त्रुटियों का निवारण करती हैं.