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बाढ़ से सुरक्षा के लिए 225 योजनाओं पर काम किया जायेगा

राज्य में बाढ़ पूर्व तैयारी के निर्माण अब कनीय (जूनियर इंजीनियर) और सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर) अपने सामने करवायेंगे, साथ ही कार्यपालक अभियंता प्रतिदिन इसका निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को देंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2024 1:07 AM

अब जूनियर और असिस्टेंट इंजीनियर की मौजूदगी में होगा बाढ़ से बचाव संबंधी निर्माण कार्य संवाददाता, पटना राज्य में बाढ़ पूर्व तैयारी के निर्माण अब कनीय (जूनियर इंजीनियर) और सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर) अपने सामने करवायेंगे, साथ ही कार्यपालक अभियंता प्रतिदिन इसका निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को देंगे. कंक्रीट संबंधी काम का सैंपल लेकर उसकी जांच होगी. यह निर्देश जल संसाधन विभाग ने बाढ़ पूर्व तैयारी के कार्यों को तय समय में गुणवत्तापूर्ण तरीके से करने के लिए दिया है. इसके तहत मुख्यालय स्तर से भी निगरानी बढ़ाने की तैयारी है. इन सभी कार्यों का समय-समय निरीक्षण उड़नदस्ता दल से करवाने का निर्देश दिया गया है. उड़नदस्ता दल अपने निरीक्षण की रिपोर्ट अब अधिकारियों के अलावा संबंधित ठेकेदार को भी देंगे. साथ ही पहले के निरीक्षण में सुधार संबंधी सुझावों के पालन की भी समीक्षा करेंगे. यदि काम में किसी प्रकार की त्रुटि पायी जायेगी, तो संबंधित ठेकेदार को कार्यपालक अभियंता नोटिस देकर स्पष्टीकरण पूछेंगे. साथ ही विधिसम्मत कार्रवाई होगी. सूत्रों के अनुसार राज्य में बाढ़ से सुरक्षा के लिए फिलहाल बांधों के रखरखाव को छोड़कर करीब 225 योजनाओं पर काम किया जायेगा. इस पर अनुमानित लागत करीब 900 करोड़ रुपये है. फिलहाल जल संसाधन विभाग ने करीब 75 योजनाओं पर काम करने की मंजूरी दी है. इसकी अनुमानित लागत करीब 330.71 करोड़ रुपये है. इसके अलावा कोसी और गंडक नदी के नेपाल के हिस्से में बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए करीब 32.17 करोड़ रुपये की लागत से 20 योजनाओं को बेहतर करने का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के स्तर से करीब 331.97 करोड़ रुपये की लागत से 129 अन्य बाढ़ सुरक्षा संबंधी कार्यों की मंजूरी का इंतजार है. बांधों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए दो सौ करोड़ सूत्रों का कहना है कि राज्य में बाढ़ से बांधों की सुरक्षा के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. बांधों की सुरक्षा के तहत स्लूइस गेटों की मरम्मत, जरूरत पड़ने पर बांधों की मरम्मत, बाढ़ से बचाव संबंधियों सामग्रियों का भंडारण करना आदि शामिल हैं.

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