विश्व एड्स दिवस आज : पटना में एड्स का कसता जा रहा शिकंजा, सात साल में दोगुने हुए संक्रमित

बिहार डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से जिले में जांच अभियान के तहत 2020-21 और 2021-22 कुल दो वर्षों में करीब 504 प्रेगनेंट महिलाएं पॉजिटिव मिली थीं. डिलिवरी के बाद करीब 421 यानी करीब 85 फीसदी बच्चों में एचआइवी के लक्षण नहीं दिखे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2022 6:15 AM

आनंद तिवारी, पटना: लाइलाज एचआइवी संक्रमण (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) बीमारी कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीते कुछ सालों में इसके प्रति लोगों में जागरूकता आयी है. लेकिन बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार, बीते छह वर्षों में एचआइवी के पीड़ितों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गयी है. पटना इस मामले में नंबर-1 पर पहुंच गया है. इसके बाद मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, बांका, सहरसा, नवादा, किशनगंज, बेगूसराय, लखीसराय, अररिया, पश्चिमी चंपारण जैसे 12 जिलों का स्थान है, जहां के लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में ज्यादा जाते हैं.

युवाओं में जानकारी के अभाव से बढ़ रहा खतरा

राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अधिकारियों के मुताबिक एचआइवी संक्रमितों की संख्या 2016 में 29,715 थी, जो 2022 में करीब 76 हजार तक पहुंच गयी है. अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता की कमी व लापरवाह जीवनशैली की वजह से केस बढ़ रहे हैं. संक्रमण का बड़ा कारण जानकारी का अभाव और इंजेक्टेबल ड्रग्स हैं.

गर्भ में पल रहे शिशुओं के लिए राहत, 85% सुरक्षित

बिहार डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से जिले में जांच अभियान के तहत 2020-21 और 2021-22 कुल दो वर्षों में करीब 504 प्रेगनेंट महिलाएं पॉजिटिव मिली थीं. डिलिवरी के बाद करीब 421 यानी करीब 85 फीसदी बच्चों में एचआइवी के लक्षण नहीं दिखे.

यहां कर सकते हैं शिकायत

राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि एचआइवी संक्रमित स्वास्थ्य सेवाओं, पारिवारिक एवं सामाजिक भेदभाव, एआरवी दवाओं या कमजोर इम्यून पावर से अन्य संक्रामक रोग के इलाज, संपत्ति, बच्चों के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य के अलावा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिलने जैसी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. पीड़ित लोकपाल (ओम्बड्समैन) बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति , शेखपुरा , पटना 800014 पर डाक से अपनी शिकायत भेज सकते हैं. कार्रवाई के लिए घटना की तिथि, घटनास्थल, घटना का विवरण, उत्तरदायी व्यक्ति या संस्था का नाम, अपने हस्ताक्षर या अगूंठे के निशान के साथ देना अनिवार्य है.

संक्रमण के कारक

  • 94 फीसदी असुरक्षित यौन संबंध से

  • 03 फीसदी संक्रमित माता से बच्चों में

  • 0.1 फीसदी संक्रमित खून से

  • 0.9 फीसदी संक्रमित सुई से

बचाव व लक्षण

एमडी व जनरल मेडिसिन डॉ कुमार अभिषेक ने बताया कि धीरे-धीरे वजन घटना, कमजोरी, बुखार, शरीर की ग्रंथियों में सूजन, भूख में कमी, एक माह से ज्यादा समय तक दस्त, मुंह में बार बार छाले, बार-बार बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन आदि एचआइवी के लक्षण हैं. एचआइवी से बचाव के लिए असुरक्षित यौन संबंध, प्रयोग की हुई निडिल का इस्तेमाल नहीं करना, इंजेक्टबल ड्रग्स से बचना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version