World Heart Day: अनुपम कुमार, पटना. अनियमित जीवनशैली, असंतुलित खानपान, तनाव, मोटापा, उच्च रक्तचाप के कारण हृदय रोग से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. गांवों की तुलना में शहरी लोगों में ह्रदय रोग होने के मामले दोगुने हैं, जबकि पीड़ितों में 20 फीसदी युवा हैं. इस बीमारी से पीड़ित 15 साल के रोगी तक पहुंच रहे हैं. इससे पीड़ित होकर लाखों लोग पटना के अस्पतालेां में इलाज कराने पहुंचते हैं. पीड़ितों में युवाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. उक्त जानकारी प्रभात खबर टीम द्वारा वर्ल्ड हार्ट डे की पूर्व संध्या पर देश और प्रदेश में तेजी से बढ़ते ह्रदय रोग के वजह की पड़ताल के दौरान सामने आयी. इसके लिए प्रभात खबर की टीम ने शहर के कई जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट से बात की.
गांव के मुकाबले शहर में दोगुने मरीज
शहर के जाने माने ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ एके झा ने बताया कि बिहार समेत देश के अलग अलग हिस्सों में किये गये अध्ययन से पता चला है कि ग्रामीण आबादी का 5 से 7 फीसदी ह्रदय रोग से ग्रस्त है जबकि शहरी आबादी में ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 10 से 15 फीसदी तक हैं. पहले यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ही प्राय: देखी जाती थी. लेकिन अब युवा भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. बीते पांच-सात वर्षो में इस बीमारी से पीड़ित होने वालों में 18-20 फीसदी युवा रहे हैं. वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अशोक कुमार ने बताया कि मोटापा ह्रदय रोग का सबसे बड़ा कारण है.
ह्रदय रोग बढ़ने की ये है प्रमुख वजह
रक्त में कोलोस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने को ह्रदय रोग बढ़ने की प्रमुख वजह बताते हुए जानेमाने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विपिन कुमार ने बताया कि शरीर में दो तरह के लाइपोप्रोटीन होते हैं एलडीएल और एचडीएल. एलडीएल लो डेनसिटी लाइपोप्रोटीन है जो शरीर के रक्त में कोलोस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ाता है, ट्राइगिलिसरॉड भी यही काम करते हैं. लेकिन एचडीएल (हाइ डेनसिटी लाइपोप्रोटीन) रक्त से कोलोस्ट्रोल को निकालकर लीवर तक पहुंचाता है और रक्त में उनकी मात्रा कम करता है. इससे रक्त में कोलोस्ट्रोल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ नहीं पाती. लेकिन दुर्भाग्य से भारतीयों में अनुवांशिक रुप से (जेनेटकली) एचडीएल कम होता है जो यहां ह्दय रोग बढ़ने की प्रमुख वजह है. उन्होंने रक्त में कोलोस्ट्रोल के जमाव को रोकने के लिए लाइफ स्टाइल को बदलने की सलाह दी और और इसके लिए हर सप्ताह 150 मिनट तेज गति से टहलने की सलाह दी.
Also Read: Bihar Land Survey : जमीन सर्वे के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे हो सकता है यह काम
कठिन कसरत भी जानलेवा
आइजीआइसी के पूर्व निदेशक और शहर के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एसएस चटर्जी की मानें तो फिजिकल एक्टिविटी का ठीक नहीं होना, एकसरसाइज नहीं करना, नशीली दवाओं का युवाओं में बढ़ रहा चलन और आधुनिक जीवन शैली से उत्पन्न तनाव ह्रदय रोग के मामले तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह है. उन्होंने इससे बचाव के लिए खान पान में सतर्कता, ट्रांस फैट फूड से परहेज और सिगरेट, तंबाकू जैसी नशा वाली चीजों और नशाीली दवाओं से पूरी तरह परहेज को महत्वपूर्ण माना. उन्होंने एकबारगी कठिन कसरत से दूर रहने की भी सलाह दी.