International Yoga Day: व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं। आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥ अर्थात, ‘व्यायाम से स्वास्थ्य, दीर्घायु, बल और सुख की प्राप्ति होती है. निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य अच्छा रहने से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं. कई विद्वानों ने योग का अर्थ परमात्मा से संबंध माना है. परमात्मा से संबंध रखते हुए कर्म करो. अगर आपकी भी योग में रूचि है, तो आप भी इसे प्रोफेशन में तब्दील कर सकते हैं. योग के जरिए आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको कोई न कोई कोर्स करना जरूरी है. आज ‘योग दिवस’ पर आइए जानते हैं कि अपने शहर में कहां-कहां इसकी पढ़ाई होती है और किस तरह के कोर्स करें कि योग गुरु बन जाएं.
1. पटना वीमेंस कॉलेज – कर सकते हैं सर्टिफिकेट और एडवांस डिप्लोमा कोर्स
पटना वीमेंस कॉलेज में छात्राएं विभिन्न विषयों की पढ़ाई करती हैं. इसके साथ ही कुछ विभागों में छात्राएं योग की भी पढ़ाई करती हैं. फिलॉसफी विभाग की एचओडी डॉ अमिता जायसवाल ने बताया कि कॉलेज में योग के लिए सर्टिफिकेट डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है. यह कोर्स साल 2009 से कराया जा रहा है. इसके अलावा साइकोलॉजी विभाग के एडऑन कोर्स में योगिक मैनेजमेंट की पढ़ाई होती है. जबकि होम साइंस विभाग में पीजी करने वाली छात्राओं के लिए योग पर एक पेपर पढ़ाया जाता है. साथ ही बीएड में योगा एंड एजुकेशन की भी पढ़ाई होती है. योग की कक्षाएं प्रशिक्षक मीतु कुमारी लेती हैं.
2. प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि- 13 शाखाओं में दिया जाता है योग का प्रशिक्षण
प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि की ओर से पटना सबजोन मुख्यालय में योग का प्रशिक्षण दिया जाता है. यह प्रशिक्षिण वर्ष 1964 से यानी पिछले साठ सालों से अनवरत जारी है. यहां से अब तक एक लाख से अधिक लोग योग का प्रशिक्षिण प्राप्त कर चुके हैं. पटना सबजोन मुख्यालय कंकड़बाग की संचालिका राजयोगिनी बीके संगीता ने बताया कि यहां योग प्रशिक्षण के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है. प्रशिक्षिण लेने से पहले निबंधन कराना होता है. सात दिन का बेसिक कोर्स चलाया जाता है, जो एक घंटा होता है. संगीता ने बताया कि पूरे सूबे में 150 ब्रांच है. वहीं पटना में 13 ब्रांच है, जहां योग का प्रशिक्षण दिया जाता है.
3. आइजीआइएमएस – आइजीआइएमएस में 10 सीटों पर होती है दाखिला
अब मेडिकल शिक्षा में भी योग को फिजियोथेरेपिस्ट कोर्स का एक अहम हिस्सा बना लिया गया है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की ओर से जारी की गयी नयी गाइडलाइंस के तहत अब बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट (बीपीटी) और मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट कोर्स में योग की पढ़ाई शुरू कर दी गयी है. आइजीआइएमएस फिजियोथेरेपिस्ट एवं योग के इंचार्ज डॉ रत्नेश चौधरी ने बताया कि योग का ही शुद्ध रूप फिजियोथेरेपी है. क्योंकि फिजियोथेरेपी के बहुत से पार्ट योग क्रिया से मिलता है. आइजीआइएमएस में 10 सीटों व बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी में 20 सीटों पर छात्रों का दाखिला होता है. बीपीटी के सेकेंड इयर योग चैप्टर की पढ़ाई होती है.
4. आयुर्वेदिक कॉलेज – योग इन डिप्लोमा कोर्स के लिए यहां है 20 सीट
शहर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में अलग से योग की पढ़ाई होती है. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संपूर्णानंद तिवारी ने बताया कि यहां 20 सीटों पर योग का दाखिला लिया जाता है. डॉ संपूर्णानंद ने कहा कि पढ़ाई करने वाले छात्र पटना एम्स समेत अलग-अलग सरकारी कॉलेजों में योग टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यहां एक साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है. इसके लिए अलग से योग शिक्षक हैं. योग के माध्यम से घुटना, पीठ, कमर, गर्दन दर्द आदि कई शारीरिक बीमारियों का बिना दवा व सर्जरी इलाज किया जाता है.
5. विपश्यना ध्यान केंद्र, फ्रेजर रोड – फ्री में कर सकते हैं दस दिवसीय विपश्यना
मन को शांत करने और विकार व क्रोध को दूर करने में विपश्यना योग बेहद कारगर साबित होता है. बिहार के विपश्यना केंद्र में ध्यान करने के लिए मुफ्त में सारे इंतजाम किये जाते हैं. फ्रेजर रोड स्थित बुद्धा स्मृति में आप फ्री में दस दिवसीय विपश्यना में भाग ले सकते हैं. इसके लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है. लेकिन विपश्यना में शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना होता है. विपश्यना सेंटर के प्रभारी दीपक नवीन ने बताया कि विपश्यना भारत की एक अत्यंत पुरातन ध्यान विधि है. इसे आज से लगभग 2550 वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध ने पुनः खोजा था. यह अंतर्मन की गहराइयों तक जाकर आत्म-निरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि करने की साधना है.