संवाददाता, पटना. सूबे के निबंधन कार्यालयों में जल्द ही आम लोग कियोस्क मशीन के माध्यम से एटीएम की तरह खुद ही पैसे डाल कर इ-स्टांप प्राप्त कर सकेंगे. ट्रायल बेसिस पर इसे पहले एक-दो कार्यालयों में लागू किया जायेगा. फिर निर्धारित चरण में सभी निबंधन कार्यालयों में इसको लेकर स्टांप वेंडिंग मशीन की स्थापना कर दी जायेगी. सोमवार को मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने सूचना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. विभागीय मंत्री रत्नेश सादा की उपस्थिति में सचिव ने बताया कि वर्तमान में विभागीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी निबंधन कार्यालयों में को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा इ-स्टॉप की बिक्री हो रही है. कई निबंधन कार्यालयों में फ्रैंकिंग मशीन से भी 1000 रुपये मूल्य तक के गैर न्यायिक स्टांप बेचे जा रहे हैं. मौके पर मद्यनिषेध मंत्री रत्नेश सादा ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा शराबबंदी पर उठाये गये सवालों पर कहा कि कोई व्यक्ति घर के अंदर क्या करता है, इसमें तांक-झांक करने का अधिकार किसी को नहीं है, जो पकड़ा जाता है, उसे हम जेल भेजते हैं. जमाबंदी अनिवार्यता मामले पर सुनवाई आजजमीन से जुड़े दस्तावेजों की रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता मसले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अहम सुनवाई होगी. मामले में कोर्ट निर्णय करेगा कि रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता नहीं रहेगी या इस सरकारी नियम को फिर से लागू किया जायेगा. दरअसल राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहरी क्षेत्र के अपार्टमेंट और फ्लैट को छोड़ कर सभी इलाकों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लॉट की जमाबंदी होना अनिवार्य कर दिया था. इस जमाबंदी का उल्लेख नये डीड में भी किया जाता है.
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