संवाददाता,पटना
पंचायती राज विभाग के इ- पोर्टल ने एक-एक पैसों का हिसाब रखने को आसान बना दिया है . इससे यह पता चल सकेगा कि विभाग के पास कहां से कितना पैसा आया और कहां गया? इससे यह भी पता चल सकेगा कि राज्य की ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के अलावा ग्राम कचहरियों को राज्य सरकार और वित्त आयोग की अनुशंसा पर कितना पैसा भेजा गया. यही नहीं, इस पैसे के खर्च का पूरा हिसाब-किताब भी पब्लिक के सामने होगा. यह सब होगा इ- पोर्टल से जिसे पंचायती राज विभाग की ओर से मुख्यमंत्री जारी कर चुके हैं. अब चेक से लेनदेन और भुगतान पर पूरी तरह से रोक लग गया है. यह जानकारी पंचायती राज विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने शनिवार को यहां दी. योजनाओं पर खर्च और प्रगति की जानकारी सबके लिए खास बात यह है कि योजनाओं की प्रगति आम लोग भी इसके जरिये ले सकेंगे. इस पोर्टल के माध्यम से आम लोग भी राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा चल रही योजनाओं की प्रगति एवं उस पर हो रहे खर्च से संबंधित विवरण देख सकते हैं.योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है.
निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि ऑडिट और उपयोगिता प्रमाण पत्र मॉडल को इ–पंचायत बिहार पोर्टल पर एकीकृत किया जा रहा है. इससे भविष्य में ऑडिट एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित प्रक्रिया सहज एवं तीव्र हो जायेगी. ई-पंचायत बिहार पोर्टल के माध्यम से विक्रेताओं का जीएसटी सत्यापन भी किया
जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है