संवाददाता, पटना
आज वर्तमान समय के युवा बहुत ही भाग्यशाली हैं कि उनके पास ढ़ेर सारी संभावनाएं हैं. आज से 25–30 वर्ष पहले देखें तो युवाओं के पास सीमित संभावनाएं थीं. अधिकतर लोग नौकरी पाने का उद्देश्य लेकर ही अपने चिंतन पर काम करते थे. ये बातें सूबे उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा सह पर्यटन उद्योग ने शनिवार को कहीं. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के इन्क्यूबेशन सेंटर ‘वेंचरपार्क’ की ओर से बिहार स्टार्टअप कॉनक्लेव 2024 का उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश मिश्रा ने कहा कि यह भी बड़ी खुशी की बात है कि आज का युवा वर्ग नयी-नयी चुनौतियों को स्वीकार करने को तैयार है. इसका एक कारण यह भी है कि आज अपना उद्यम अपना स्टार्टअप को सामाजिक स्वीकृति मिल रही है. उन्हें समाज एक सफल आदमी के रूप में इज्जत दे रहा है, जबकि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग ने आज के दिन 600 स्टार्टअप का निबंधन कर उनके साथ काम कर रहा है, लेकिन उनका सपना है कि 600 स्टार्टअप को जल्द से जल्द कैसे 6000 किया जाये. मिश्रा ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी ही पूरा हो सकता है जब बिहार विकसित होगा. राज्य में बड़े निवेशक तथा बड़े निवेश तभी आयेंगे जब स्थानीय उद्यमी आगे आयेंगे, क्योंकि स्थानीय उद्यमी ही बाहर के निवेशक के लिए राजदूत का काम कर सकते हैं. इस दिशा में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होगा. सिडबी के उपमहाप्रबंधक रश्मिी रंजन ने कहा कि वर्तमान में स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का एक बहुत ही सशक्त पिलर बनकर उभर रहा है. समाज के सोच में भी परिवर्तन आ रहा है. बैंक भी सामाजिक व्यवस्था का एक अभिन्न अंग है. स्टेट बैंक के उपमहाप्रबंधक तरूण सक्सेना ने कहा कि भारत में स्टार्टअप कल्चर भारत को ग्लोबल प्लेटफार्म पर हमारी पहचान बना रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है