Bihar election 2020 : युवा चाहते बेहतर सरकार, पर वोटर बनने में हैं पीछे
पटना : राज्य में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है, पर वोटर बनने को उनमें उत्सुकता नहीं दिखती. खासकर 18 और 19 साल के युवाओं को वोट देने से अधिक अपने कैरियर की चिंता दिख रही है. यही कारण है कि वोट करने की उम्र सीमा पार कर चुके होने के बावजूद आधे से अधिक युवाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं.
पटना : राज्य में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है, पर वोटर बनने को उनमें उत्सुकता नहीं दिखती. खासकर 18 और 19 साल के युवाओं को वोट देने से अधिक अपने कैरियर की चिंता दिख रही है. यही कारण है कि वोट करने की उम्र सीमा पार कर चुके होने के बावजूद आधे से अधिक युवाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं.
एक जनवरी, 2020 के आधार पर आयोग द्वारा जारी की गयी अंतिम वोटर लिस्ट के अनुसार 18-19 आयु वर्ग के 0.50 प्रतिशत मतदाताओं के नाम ही सूची में दर्ज किये गये हैं, जबकि आकलन के अनुसार इस आयु वर्ग के 1.01 प्रतिशत मतदाता योग्य हैं, जिनका नाम सूची में शामिल हो सकता है. इसी प्रकार से 20-29 आयु वर्ग में सिर्फ 11.28 प्रतिशत मतदाताओं के नाम ही सूची में शामिल हैं, जबकि आकलन के अनुसार योग्य मतदाता 22.59 प्रतिशत हैं. सबसे अधिक मिसिंग मतदाताओं की संख्या 30-39 आयु वर्ग में है. इस आयु वर्ग के सिर्फ 13.93 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जबकि योग्य मतदाताओं का प्रतिशत इस आयु वर्ग में 27.95 प्रतिशत है.
आधी आबादी के वोटर लिस्ट में नाम नहीं : निर्वाचन आयोग के मुताबिक एक जनवरी, 2020 को राज्य की कुल अनुमानित आबादी 14 करोड़ 25 लाख है, जबकि राज्य की मतदाता सूची में सात करोड़ 10 लाख मतदाताओं के नाम शामिल किये गये हैं.
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने को हर आयु वर्ग में दिखती है लापरवाही : 40-49 आयु वर्ग में 10.30% मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जबकि इस आयु वर्ग के अनुमानित मतदाताओं की संख्या 20.67 % है. 50-59 आयु वर्ग के मतदाताओं का 6.96 % नाम ही मतदाता सूची में शामिल है, जबकि इस आयु वर्ग में अनुमानित मतदाताओं का प्रतिशत 13.76 है. 60-69 आयु वर्ग में 4.43 %मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जबकि इस आयु वर्ग के कुल मतदाताओं की भागीदारी 8.89 प्रतिशत है. 70-79 आयु वर्ग के 2.17 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जबकि इस आयु वर्ग में 4.36 प्रतिशत मतदाता हैं. 80 वर्ष से ऊपर आयु के 0.91 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची में शामिल हैं, जबकि 1.83 % मतदाता हैं.
पढ़ाई के चलते नहीं बन पा रहे वोटर : मतदाता सूची में सभी मतदाताओं का नाम शामिल नहीं होने की वजह को लेकर पूर्व विशेष मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि यह संभव है कि शत प्रतिशत मतदाताओं का नाम सूची में शामिल नहीं हुआ हो. उन्होंने बताया कि इसकी कई वजह है. युवकों में शिक्षा को लेकर घर से बाहर रहना पड़ता है और वह अपना नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं करा पाते. इसी प्रकार राज्य के एक बड़ी आबादी रोजगार को लेकर एक -जिले से दूसरे जिले में और दूसरे राज्यों में जाती रहती है. ऐसी आबादी का नाम भी सूची में शामिल होने से वंचित रह सकता है. एक ऐसी भी स्थिति है जब एक मतदाता अपना स्थान बदल देता है, तो उसका नाम उस बूथ से काट दिया जाता है, जबकि नये बूथ पर उसका नाम नहीं शामिल होने से सूची में उसका भी नाम नहीं आ सकता है.
posted by ashish jha