खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हुई पटना की हवा, रिकार्ड 454 एक्यूआइ के स्तर पर पहुंचा सीवान
बिहार की राजधानी पटना का एक्यूआइ बुधवार को 400 के खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया और शाम चार बजे यह 395 दर्जकिया गया. मंगलवार की तुलना में इसमें 47 प्वाइंट की वृद्धि दर्ज की गयी. समनपुरा और उसके आसपास प्रदूषण का स्तर लगातार दूसरे दिन काफी ऊंचा रहा और यह 409 से बढ़ कर 453 तक पहुंच गया.
पटना. बिहार की राजधानी पटना का एक्यूआइ बुधवार को 400 के खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया और शाम चार बजे यह 395 दर्जकिया गया. मंगलवार की तुलना में इसमें 47 प्वाइंट की वृद्धि दर्ज की गयी. समनपुरा और उसके आसपास प्रदूषण का स्तर लगातार दूसरे दिन काफी ऊंचा रहा और यह 409 से बढ़ कर 453 तक पहुंच गया. सीवान देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा, जहां प्रदूषण 460 पर पहुंच गया. छपरा, बक्सर और बेगूसराय का भी प्रदूषण स्तर 400 की खतरनाक सीमा के पार दिखा.
समनपुरा में सबसे अधिक प्रदूषण
माॅनीटरिगं स्टेशन एक्यूआइ
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समनपुरा 409
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तारामंडल 387
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मुरादपुर 368
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राजबंशी नगर 369
सीवान रहा देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर
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बेगूसराय 431
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सीवान 454
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छपरा 422
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बक्सर 443
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ग्रेटर नोएडा 404
बढ़ रहीं कान व नाक की बीमारिया
पटना सहित पूरे बिहार में प्रदूषण बढ़ने से लोग इन दिनों नाक, कान व गले की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. प्रदूषण के कारण एलर्जी से पीड़ित रोजाना करीब 10 से 12 मरीज आइजीआइएमएस के इनटी विभाग में पहुंच रहे हैं. बीते एक सप्ताह से यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है. डॉक्टरों ने इसे एलर्जिक रायनायटिस नाम दिया है. आम बोलचाल की भाषा में इसे नाक की एलर्जी कहा जाता है.
खराश व नाक में एलर्जी के अधिक मरीज
आइजीआइएमएस के इएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि क्रोनिक डिसएबिलिटी करने वाली प्रथम 10 बीमारियों में एलर्जिक रायनायटिस का भी स्थान है. इसके अलावा प्रदूषण के कारण गले में खराश व सांस लेने की परेशानी के भी मरीज विभाग में पहुंच रहे हैं.