पटना. विधान परिषद में मनोनयन कोटे की 12 सीटों को भरे जाने का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार की शाम राज्य कैबिनेट की बैठक में विधान परिषद के 12 सदस्यों के मनोनयन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकृत कर दिया गया.
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से मनोनीत होने वाले 12 सदस्यों की सूची राजभवन भेज दी गयी. राज्यपाल फागू चौहान की सहमति के बाद राज्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर से इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी.
उम्मीद है कि बुधवार को अधिसूचना जारी होगी और शुक्रवार को विधान परिषद के सदस्य के रूप में उन्हें शपथ दिलायी जायेगी. सूत्रों के मुताबिक इस बार जदयू और भाजपा के छह-छह सदस्यों का मनोनयन होना है.
पिछले साल मई से विधान परिषद की मनोनयन कोटे की सभी 12 सीटें खाली हैं. बीच में कई बार इन सीटों को भरे जाने की अटकलें लगती रहीं. सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से सूची आ जाने के बाद कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को यह विषय लाया गया.
मंत्री अशोक चौधरी, ललन सर्राफ, संजय गांधी, उपेंद्र कुशवाहा या उनकी पत्नी एवं एक अति पिछड़ा व एक सवर्ण सदस्य.
खनन मंत्री जनक राम, निवेदिता सिंह, प्रमोद चंद्रवंशी, घनश्याम ठाकुर व राजेंद्र गुप्ता
नीतीश सरकार में दो मंत्री फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. इनमें भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी और भाजपा कोटे से खनन मंत्री जनक राम को हर हाल में छह महीने के भीतर किसी-न-किसी सदन का सदस्य होना संवैधानिक मजबूरी है. मनोनयन कोटे की सूची में इन दोनों मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार, मनोनयन के लिए भेजे गये 12 नामों में एनडीए के घटक दल हम व वीआइपी से किसी का नाम नहीं है. हालांकि, दोनों पार्टियों ने अपने लिए एक-एक सीट की मांग की थी. वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी अपने दल के नेताओं के लिए मनोनयन कोटे की एक सीट चाहते हैं. हम के अध्यक्ष व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री से एक सीट की मांग की है.
Posted by Ashish Jha