बिहार के दरभंगा से मुजफ्फरपुर होते हुए मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस बड़ा हादसे का शिकार होने से बच गयी. ट्रेन के स्लीपर कोच का पहिया टूट गया. इसके बाद भी ट्रेन करीब 10 किमी तक दौड़ती रही. मगर, यात्रियों ने सूझबूझ से काम लिया, इसके बाद ट्रेन का चेन खिंचकर रोका गया. इसके बाद करीब चार घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. यात्रियों ने बताया कि मुजफ्फरपुर से ट्रेन के खुलने के बाद अजीब सी आवाज आने लगी. जो ट्रेन की स्पीड बढ़ने के साथ तेज होने लगी. इसके बाद, ट्रेन को भगवानपुर स्टेशन पर रोका गया. वहां पता चला कि एस 11 बोगी का पहिया टूटा था.
बताया जा रहा है कि जयनगर से मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली 11062 पवन एक्सप्रेस शाम 6:09 बजे ट्रेन में कुढ़नी स्टेशन क्रॉस करने के बाद तेज आवाज आयी और ट्रेन असंतुलित हो गयी. लोको पायलट ने ट्रेन की रफ्तार कम की. धीरे-धीरे ट्रेन को भगवानपुर स्टेशन पर ले जाकर रोक दिया. जांच के दौरान पता चला कि एस-11 बोगी के व्हील का फ्लेंज टूट गया है. गार्ड ने इसकी जानकारी कंट्रोल को दी. जानकारी होते ही यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया. आनन-फानन में सोनपुर मंडल के एडीआरएम टू मुरली मनोहर प्रसाद, मुजफ्फरपुर सीडीओ महेश कुमार और आरपीएफ के इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव पहुंचे. यात्रियों को रेलकर्मियों ने समझा शांत किया.
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यात्रियों का हंगामा शांत होने के बाद रात नौ बजे के बाद मुजफ्फरपुर जंक्शन से एक अतिरिक्त कोच भगवानपुर स्टेशन भेजा गया. जिसे पवन के रैक में जोड़ा गया और एस-11 के यात्रियों को बैठाकर मुंबई के लिए रवाना किया गया. वहीं क्षतिग्रस्त कोच को मुजफ्फरपुर जांच के लिए लाया गया. बताया जाता है कि व्हील फ्लेंज टूटने के वक्त ट्रेन ओवरलोड था. हालांकि लोको पायलट और गार्ड की सर्तकता की वजह से बड़ा हादसा टल गया. सोनपुर मंडल के डीआरएम नीलमणि ने मामले के जांच के आदेश दिये हैं. कहा कि समीक्ष्रा के बाद जवाबदेही तय होगी.