सरकारी स्कूलों में रात्रि प्रहरियों का वेतनमान 10 हजार पार, जानें कितना होगा सफाई कर्मियों का मानदेय
रात्रि प्रहरियों को प्रति माह 10881 रुपये दिये जायेंगे. वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के सफाई कर्मियों को प्रति दिन/प्रति स्कूल और प्रति टॉयलेट 100 रुपये और प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में 50 रुपये की भुगतान दर तय की गयी है. यह व्यवस्था राज्य के सभी 80 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के लिए होगी.
पटना. स्कूलों में साफ-सफाई और सुरक्षा की व्यवस्था को मजबूत और उसे स्थायित्व प्रदान करने और जवाबदेह बनाने के लिए शिक्षा विभाग खास प्रबंध करने जा रहा है. इन व्यवस्थाओं को विधि के दायरे में लाने डीइओ और इस व्यवस्था में लगे वेंडर के बीच एमओयू कराया जायेगा. सबसे खास बात यह होगी की इस व्यवस्था में लगे कर्मियों को श्रम कानून के दायरे में लाया जायेगा.
रात्रि प्रहरियों को दिये जायेंगे प्रति माह 10881 रुपये
राज्य के सरकारी स्कूलों की साफ-सफाई में लगे कर्मचारियों एवं रात्रि प्रहरियों के मानदेय की नयी दरें निर्धारित कर दी गयी हैं. रात्रि प्रहरियों को प्रति माह 10881 रुपये दिये जायेंगे. वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के सफाई कर्मियों को प्रति दिन/प्रति स्कूल और प्रति टॉयलेट 100 रुपये और प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में 50 रुपये की भुगतान दर तय की गयी है. यह व्यवस्था राज्य के सभी 80 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के लिए होगी.
मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस व्यवस्था के लिए संबंधित कार्य मुहैया कराने वाली एजेंसियों से एकरारनामा करना होगा. एकरारनामा तीन साल के लिए होगा. तीन साल के बाद एकरारनामे को दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. हालांकि एकरारनामे को बढ़ाने पर सेवा शुल्क और मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी करनी होगी.
लेबर एक्ट लॉ एवं स्टेच्युरी कॉम्प्लाइंस का पालन करना अनिवार्य
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक विद्यालय के लिए साफ-सफाई का भुगतान प्रतिदिन के आधार पर प्रतिमाह दिया जायेगा. साफ सफाई के संदर्भ में खास बात यह होगी कि फंक्शनल शौचालय में यूरिनल को शामिल नहीं किया जायेगा. उसे फंक्शनल शौचालय में ही शामिल किया जायेगा. जिला एवं माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों तथा मध्य विद्यालय, जहां आइसीटी लैब स्थापित की जानी है. यहां रात्रि प्रहरियों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लिए अधियाचना आमंत्रित की जायेगी. खास बात यह होगी कि एजेंसी को स्कूलों में इन सुविधाओं के लिए लगाये जाने वाले कर्मचारियों के लिए लेबर एक्ट लॉ एवं स्टेच्युरी कॉम्प्लाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा.
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समय सारणी का पालन करना भी अनिवार्य होगा
स्कूलों में मानव बल उपलब्ध कराने वाली एजेंसी को भारत सरकार के सभी नियम/ नियमावली, इएसआइ//इपीएफ / जीएसटी की देयताओं को सुनिश्चित करेंगे. एजेंसियों की तरफ से उपलब्ध कराये जाने वाले मानव बल प्रधानाध्यापक के नियंत्रण में काम करना होगा. स्कूल की समय सारणी का पालन करना भी अनिवार्य होगा. इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचीबद्ध एजेंसियों के साथ एकरारनामा कराने के लिए कहा है. खास बात यह होगी कि यह समूची व्यवस्था चालू शैक्षणिक सत्र से ही प्रभावी कर दी जायेगी.