बिहार: बच्चे को खंभे से बांधकर पीटना पुलिस को पड़ गया भारी, थाना प्रभारी व दारोगा पर एक-एक लाख जुर्माना
बिहार के गया में बच्चे को खंभे से बांधकर पीटना पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ गया. मानवाधिकार आयोग ने गया के तत्कालीन मुफस्सिल थाना प्रभारी व दारोगा पर एक-एक लाख रुपया जुर्माना लगाया है. ये राशि पीड़ित बच्चे को सौंपा जाएगा.
Bihar News: गया जिले के लखनपुरा के बच्चे को खंभे से बांधकर पीटने के आरोप में मानवाधिकार आयोग ने गया के तत्कालीन मुफस्सिल थाना प्रभारी व दारोगा पर एक-एक लाख रुपया जुर्माना लगाया है. साथ ही गया की एससपी को तत्कालीन थाना प्रभारी पंकज कुमार सिंह व एसआइ पारस साह से रुपये वसूल कर पीड़ित बच्चे को देने का निर्देश दिया है.
नहीं आए एसएसपी तो बढ़ी बात..
आयोग ने सुनवाई के दौरान बुलाने के बाद भी एसएसपी के नहीं आने पर चिंता जतायी है. एसएसपी की जांच रिपोर्ट में भी कई खामियां बताकर आयोग ने उसे खारिज कर दिया. वहीं इसके साथ ही जुर्माने की कार्रवाई की है.
गया का मामला जानिए..
गया के लखनपुरा थाने के उमेश कुमार की पत्नी रेणु देवी ने मानवाधिकार आयोग में मामले की शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि बीते वर्ष मार्च में बस पड़ाव के नामकरण को लेकर रसलपुर और लखनपुरा के ग्रामीणों में झड़प हुई थी. आराेप है कि झड़प के दौरान थाना प्रभारी पंकज कुमार सिंह उनके घर में जबरन घुस आये और उसके बच्चे मणि कुमार व पति के मौसेरे भाई के बेटे जयकरण को पकड़कर ले गये. परिवार के सदस्यों की पिटाई भी की गयी. पुलिस पर घर से सामान ले जाने का भी आरोप था. इसे लेकर मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी से मामले की जांच का निर्देश दिया था. एसएसपी ने जांच रिपोर्ट एसडीपीओ के माध्यम से भेजी थी.
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आयोग ने एसससपी की रिपोर्ट से जतायी नाराजगी :
आयोग की ओर से कहा गया कि जांच रिपोर्ट में थाना प्रभारी पर गोली चलाने और मारपीट का आरोप लगाया गया है, लेकिन कोई तथ्य पेश नहीं किया गया है. 11 वर्षीय बच्चा मणि कुमार की खंभे से बांधकर पिटाई को दो गांवों के बीच झगड़े में चोट की बात बता दी गयी है. छेड़छाड़ के आरोप का साक्ष्य नहीं देने के तर्क पर भी आयोग ने सवाल खड़ा किया है. आयोग ने आदेश में लिखा है कि पुलिस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो रही है कि पुलिस नाबालिग बच्चा मणि कुमार को उठाकर ले गयी और खंभे में बांधकर पिटाई की गयी.
Published By: Thakur Shaktilochan