Diwali: राजधानी पटना में लोगों ने जमकर आतिशबाजी की, धुआं-धुआं हुआ शहर…दिल के मरीज रहे परेशान
दीपावली की रात प्रतिबंध के बावजूद बिहार की राजधानी पटना में शहर वासियों ने जमकर पटाखे फोड़े. सोमवार की दोपहर से ही शहर में आतिशबाजी का सिलसिला शुरू हो गया, जो देऱ रात तक जारी रहा.
Diwali Air Polluation: दीपावली की रात प्रतिबंध के बावजूद बिहार की राजधानी पटना में शहर वासियों ने जमकर पटाखे फोड़े. सोमवार की दोपहर से ही शहर में आतिशबाजी का सिलसिला शुरू हो गया, जो देऱ रात तक जारी रहा. घड़ी की सुई आगे बढ़ते ही पटाखों की शोर भी राजधानी में बढ़ती चली गयी. रात आठ बजे के बाद स्थिति थोड़ा ज्यादा ही खराब हो गई. धुआं के साथ वातावरण में पहले से मौजूद धूलकणों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. राजधानी में दिवाली पर सामान्य से लगभग पांच गुणा अधिक शोर हुआ. इसके इलावे किसी भी सामान्य वातावरण में एयर क्वालिटी का इंडेक्स 50 के आसपास होना चाहिए. जो दिवाली पर 250 से ऊपर चला गया.
जिला प्रशासन की तमाम कवायद बेकार रही
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के मुताबिक जिला प्रशासन नियमों का पालन कराने के लिए दिन भर चौकस रही.लेकिन जिला प्रशासन की तमाम कवायद बेकार रही. पटनावासियो ने बीते सात साल में इस बार सबसे अधिक पटाखे फोड़े. दिवाली के दिन 2015 के बाद सबसे अधिक वायु प्रदूषण देखने को मिला.
दिल के मरीज रहे परेशान
दिवाली पर इस साल पटना में हवा में 1140 माइक्रोगाम प्रतिघम मीटर धूलकण मिले. इस बार मानक से 11 गुना अधिक धूलकण हवा में फैले. महीन धूलकण की मात्रा मानक से कई गुना अधिक पायी गयी. विशेषज्ञों के अनुसार महीन धूलकण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक हैं. इसके अलावे सबसे अधिक तेज ध्वनि वाले पटाखे बोरिंग रोड और कंकड़बाग में फोड़े गए.रात आठ बजे से लेकर देर रात डेढ़ बजे तक जमकर आतिशबाजी हुई. तेज पटाखे के शोर से सबसे अधिक परेशान दिल के मरीज रहे. वहीं अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ी.
पटना में ध्वनि प्रदूषण
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क्षेत्र डेसिबल(अधिकतम)
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बोरिंग रोड 121
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शास्त्रीनगर 76
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पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र 119
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कंकड़बाग 111
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तारामंडल 101