प्रह्लाद कुमार. पटना. राज्य सरकार वज्रपात से मौत कम हो, इसको लेकर जागरूकता अभियान चला रही है. इंद्रवज्र एप को भी लांच किया गया है, जिसे 1.12 लाख से अधिक ने डाउनलोड किया है. इसके बावजूद वज्रपात से मौतें लगातार हो रही हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक वज्रपात से पांच वर्षों में 1280 लोगों की मौत हुई है. इसके एवज में सरकार ने 51 करोड़ 20 लाख का अनुदान मृतक के परिजनों को दिया है.
वज्रपात से 2020 में मरने वालों में 73% पुरुष और 25% महिलाएं थीं. वहीं 2021 में यह आंकड़ा 64% और 29% था. बच्चों के प्रभावित होने की संख्या पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है. जब कोरोना के कारण स्कूल बंद थे.
साल मौत
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2018 139
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2019 253
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2020 459
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2021 280
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2022 149
साल आवंटन
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2016-17 7.90 करोड़
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2017-18 8.87 करोड़
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2018-19 12.16 करोड़
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2019-20 8.62 करोड़
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2020-21 8.90 करोड
वज्रपात से होने वाली मौत में 75 से 80% लोग 10 से 50 वर्ष की अायु के होते हैं. वहीं, शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के अधिक लोग मरने वाले हैं. 2020 और 2021 में सबसे अधिक 86% कृषि, पशुपालक गतिविधियों से जुड़े थे.
ठनके की चपेट में आने से गुरुवार को गोपालगंज व भोजपुर में दो-दो, छपरा व सीवान में एक-एक की मौत हो गयी. गोपालगंज जिले में कुसुम देवी तथा मनु कुमार की मौत हो गयी. सीवान जिले के बरहनी गांव में रुखसाना खातून की मौत हो गयी. सारण जिले के अरियाव गांव में ब्यासदेव भगत तथा भोजपुर जिले के आरा नगर थाना क्षेत्र में दो चचेरे भाइयों की मौत ठनके से मौत हो गयी. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठनके से मौत पर शोक जताया है. साथ ही मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है.
क्षति को कम करने के लिए आठ स्थल पर आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली लगी है. वज्रपात की संभावना की पूर्व सूचना पहुंचायी जा रही है. सूचना तंत्र को और प्रभावी बनाने का काम हो रहा है.
-रेणु देवी, मंत्री, आपदा प्रबंधन विभाग