जातीय जनगणना के तहत झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की भी गणना की जाएगी, जानिए क्या है सरकार का प्लान

Bihar news: बिहार में जल्द ही जाति आधारित गणना शुरू होने वाले हैं. गणना को लेकर विभाग ने अब नए निर्देश जारी किये है. निर्देश के तहत अब अब ऐसे लोगों की भी गणना की जाएगी, जो पुल-पुलिया, नदी-नालों और सड़क किनारे त्रिपाल या प्लास्टिक लगाकर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2022 5:05 PM

Caste Census Bihar: बिहार में जल्द ही जाति आधारित गणना शुरू होने वाले हैं. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. गणना दो चरणों में होगी. पहले चरण में भवन व मकानों व अस्थायी आवासों की सूची बनाते हुए, एक नंबर दिया जाएगा. यानी अब ऐसे लोगों की भी गणना की जाएगी, जो पुल-पुलिया, नदी-नालों और सड़क किनारे त्रिपाल या प्लास्टिक लगाकर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं. इसको लेकर विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.

दो चरणों में होगी गणना

जानकारी के मुताबिक जातीय जनगणना का कार्य दो चरणों में कराई जाएगी. पहले चरण में पक्के, कच्चे व अस्थायी आवासों की सूची बनाकर मकान मालिकों को एक यूनिक नंबर प्रदान किया जाएगा. जिसके बाद दूसरे चरण में वास्तविक गणना की जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को संबंधित विस्तृत जानकारी भी भेज दी है.

8 स्तरों पर गणना का कार्य करेगी टीम

बता दें कि गणना करने के लिए आठ स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम काम करेगी. टीम में शिक्षक, लिपिक, मनरेगाकर्मी, आंगनवाड़ी सेविका से लेकर जीविका समूह के सदस्यों तक को शामिल किया जाएगा. हालांकि इस बात को जिलाधिकारी तय करेंगे कि वे किस माध्यम से जाति आधारित गणना कराने का कार्य पूरा कराना चाहते हैं.

2023 तक गणना पूरा करने का लक्ष्य

गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में जातीय जनगणना के पक्ष में 2018 और 2019 में दो सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किए गए थे. इसके लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सर्वेक्षण पूरा करने के लिए 23 फरवरी 2023 की समय सीमा निर्धारित की गई है.

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