नीतीश कुमार के लोग सवर्णों को दे रहे गाली, बोले विजय सिन्हा- मदरसों में संलिप्त अधिकारियों की भी हो जांच
विजय सिन्हा ने कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई (नीतीश कुमार-लालू यादव) जिसके कंधे पर चढ़ कर आसमान छूते हैं, उसके कंधे को तोड़ देते हैं. आम जनता जान रही है कि एक को प्रधानमंत्री तो दूसरे को मुख्यमंत्री बनने का सपना दिखाया गया है.
पटना. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला किया. विजय सिन्हा ने कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई (नीतीश कुमार-लालू यादव) जिसके कंधे पर चढ़ कर आसमान छूते हैं, उसके कंधे को तोड़ देते हैं. आम जनता जान रही है कि एक को प्रधानमंत्री तो दूसरे को मुख्यमंत्री बनने का सपना दिखाया गया है. कांग्रेस ने पीएम का सपना तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि जो जंगल राज लाकर बिहार में जातीय उन्माद फैलाने का खेल खेला और धार्मिक भावनाएं भड़काई वे आज संविधान बचाने की बात कर रहे.
संलिप्त अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए
उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से अति पिछड़े के नाम पर नौटंकी बंद करने की नसीहत देते हुए कहा कि अति पिछड़े को सीएम और उप मुख्यमंत्री बना दें. उन्होंने मदरसा पर पटना हाई कोर्ट के राज्य के 2459 अनुदानित मदरसों की जांच के आदेश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इसमें लिप्त अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संविधान के भाग तीन में भगवान राम, मां जानकी और लक्ष्मण की तस्वीर है. नीतीश कुमार के नेता रामचरितमानस पर प्रश्न उठाकर करोड़ों हिंदुओं की भावना के साथ खेल रहे. उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि आज स्वर्णों को गाली दे रहे और महाराणा प्रताप का स्वाभिमान दिवस मना रहे है. उन्होंने कहा कि सेना पर सवाल उठने वाले अब संविधान बचाने की बात कर रहे हैं.
समाजवाद का चोला ओढ़कर संविधान की उड़ा रहे धज्जियां
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, पंडित दीनदयाल ने जाति विहीन समाज और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बनाने की बात कही थी, लेकिन आज अकूत संपत्ति बनाने वाले संविधान की बात करते हैं. भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन कल्याण संवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुनने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज समाजवाद का चोला ओढ़कर जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, वही संविधान बचाने की बात कर रहे हैं.