बिहार में कैश पर लोगों का लौटा भरोसा, बैंक और डाकघरों से जम कर निकाल रहे नकद

कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण आम से खास लोग परेशान हैं. कोरोना पॉजिटिव के इलाज के लिए लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराने के लिए सरकारी अस्‍पताल से लेकर नर्सिंग होम का चक्‍कर लगाना पड़ रहा है. ऊपर से कोविड की दवा, इंजेक्‍शन और ऑक्‍सीजन तक की किल्‍लत से भी परेशानी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2021 11:26 AM

सुबोध कुमार नंदन, पटना. कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण आम से खास लोग परेशान हैं. कोरोना पॉजिटिव के इलाज के लिए लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराने के लिए सरकारी अस्‍पताल से लेकर नर्सिंग होम का चक्‍कर लगाना पड़ रहा है. ऊपर से कोविड की दवा, इंजेक्‍शन और ऑक्‍सीजन तक की किल्‍लत से भी परेशानी है.

लोगों को पग-पग पर पैसे की जरूरत है. कोरोना संकट में केवल तीन सप्‍ताह के अंदर लोगों ने बैंकों और डाकघरों से जमकर कैश निकासी की है. अधिकारियों की मानें, तो शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाके के बैंकों और डाकघरों से लोग जम कर निकासी कर रहे है.

वैसे खाताधारक बैंक और डाकघरों तक कम पहुंच रहे है, लेकिन जो खाताधारक पहुंच रहे हैं, वे मोटी रकम निकाल रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार पिछले दो सप्‍ताह में कैश निकासी लगभग 20 से 25 फीसदी तक बढ़ी है.

दरअसल लोगों ने कोरोना के बढ़ते मामले से भयभीत होकर घर में कैश रखना शुरू कर दिया है, ताकि संकट के वक्‍त पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़े.

लोग कैश पर कर रहे ज्यादा भरोसा

बाजार के जानकारों की मानें, तो जब मुसीबत का वक्‍त आता है तो लोग कैश पर ज्‍यादा भरोसा करते है. ऐसे दौर में जो लोग पहले 20-25 हजार की रकम निकाल रहे थे, वे अब 50 हजार से एक लाख रुपये तक की निकासी कर कैश अपने पास रख रहे हैं.

वहीं, बिहार राज्‍य राष्‍ट्रीय अभिकर्ता संघ के महासचिव टीडी सिंह ने बताया कि दूसरे डाकघर से पहले एक दिन में निकासी की सीमा 25 हजार रुपये तक थी, उसे बढ़ा कर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके कारण कोरोना काल में डाकघरों से लोग अधि‍क निकासी कर रहे है. लोगों को कहना है कि‍ लोग अभी संकट में है. इसलिए घर में पैसे रख रहे हैं.

रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ाें के अनुसार बीते दो सप्‍ताह में देश भर में जनता के पास कैश बढ़ कर 27.87 लाख करोड़ रुपये के बराबर हो गया है. दो सप्‍ताह में इसमें 30,186 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल भी जब कोरोना पीक पर आ गया था, तो कैश की मांग बढ़ गयी थी. यानी उस दौरान लोगों ने ज्‍यादा कैश बैंकों तथा डाकघरों से निकाली थी.

Posted by Ashish Jha

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