कोरोना के कहर से बीमार लोग अब जरूरी दवाओं के लिए परेशान, बाजार से विटामिन सी, मल्टी विटामिन, जिंक गायब

कोरोना के कहर से परेशान लोग अब कुछ जरूरी दवाओं के लिए भी भटक रहे हैं. कोरोना महामारी से उपजे भय के कारण विटामिन सी, मल्टी विटामिन से लेकर एजीथ्रोमाइसिन जैसे सामान्य दवाएं काउंटर से गयाब हो चुकी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 30, 2021 9:02 AM

पटना. कोरोना के कहर से परेशान लोग अब कुछ जरूरी दवाओं के लिए भी भटक रहे हैं. कोरोना महामारी से उपजे भय के कारण विटामिन सी, मल्टी विटामिन से लेकर एजीथ्रोमाइसिन जैसे सामान्य दवाएं काउंटर से गयाब हो चुकी हैं.

भाप लेने की कैप्सूल, विटामिन सी, जिंक, गले में खराश के लिए एंटीबायटिक, ऑक्सीमीटर की किल्लत से मरीज व उनके परिजन परेशान हैं. ऑक्सीजन मापने के लिए बाजार में अचानक ऑक्सीमीटर की मांग बढ़ने के बाद इसकी कीमत भी बढ़ी है.

बाजार में अब चाइनीज ऑक्सीमीटर पर भी मार हो गया है. भारी डिमांड की वजह से ब्रांडेड के अलावा चाइनीज ऑक्सीमीटर के दाम में भी इजाफा हो गया है. यह 3200-3600 रुपये में बिक रहा है. थोक व्यवसायियों का कहना है कि कंपनियों से आपूर्ति प्रभावित होने से दिक्कत हो रही है.

घबराहट में ज्यादा दवाएं न खरीदें

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि संकट के समय जरूरी दवाओं को स्टोरेज करने की शिकायत आ रही है. होलसेल दुकानदारों के पास स्टॉक खत्म हो चुके हैं, ऑर्डर के बाद भी माल की सप्लाइ होने में पांच से सात दिन लग रहे हैं. ऐसे में होलसेल व्यवसायियों से अपील है कि आम लोगों के हित में ऐसा न करें. ग्राहकों से भी अपील है कि घबराहट में ज्यादा दवाएं न खरीदें.

अधिक दाम लिया तो होगी कार्रवाई

पटना केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पूर्व सचिव संतोष कुमार ने कहा कि यदि स्टॉकिस्ट उपभोक्ताओं को एमआरपी से अधिक मूल्य पर दे रहा है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए. दवा विक्रेता व एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य अमरनाथ वर्मा ने बताया कि दवाओं की आपूर्ति कुछ दिनों से पर्याप्त मात्रा में नहीं हुई है. ऐसे में सभी दुकानदार ऑर्डर दिये हैं.

स्वास्थ्य विभाग को भी मिल रही शिकायत

इधर, स्वास्थ्य विभाग को भी लगातार रिपोर्ट मिल रही है कि बाजार के दवा काउंटरों से सामान्य दवाएं उपलब्ध नहीं है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव द्वारा राज्य औषधि नियंत्रक को निर्देश दिया गया है कि वह बाजार में इसका मूल्यांकन करे. इसके बाद आवश्यक हुआ तो सीएनएफ से बात की जायेगी जिससे कि आम नागरिकों को साधारण दवाओं की किल्लत नहीं हो.

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति होनेवाली आवश्यक दवाओं पर भी नजर बनाये हुए हैं. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में वितरित की जानेवाली आवश्यक दवाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं हैं. इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है और सभी जिलों में उपलब्ध दवाओं की भी निगरानी की जा रही है.

Posted by Ashish Jha

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