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दरभंगा के श्यामा मंदिर में बलि प्रथा बंद होने पर सड़क पर उतरे लोग, बिहार न्यास पर्षद के अध्यक्ष का फूंका पुतला

माधवेश्वर परिसर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन का पुतला दहन किया गया. साथ ही जिलाधिकारी से मिलकर इस आदेश को वापस लेने का अनुरोध करने का फैसला भी लिया गया है.

दरभंगा. दरभंगा के प्रसिद्ध रमेश्वरी श्यामा मंदिर में बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद शाक्त संप्रदाय के हिंदू समाज ने विरोध प्रकट किया है. सड़क से लेकर सोशल साइट पर लोग धार्मिक न्यास के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. माधवेश्वर परिसर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन का पुतला दहन किया गया. साथ ही दरभंगा के जिलाधिकारी से मिलकर इस आदेश को वापस लेने का अनुरोध करने का फैसला भी लिया गया है.

परंपरा से छेड़छाड़ करना धार्मिक स्वतंत्रता का हनन

इस संबंध में समिति के अध्यक्ष रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि माधवेश्वर परिसर में हजारों वर्षों से चली आ रही पूजन परंपरा से छेड़छाड़ करना धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है. रमेश्वरी श्यामा मंदिर में स्थापना काल से ही बलि प्रदान की प्रथा चली आ रही है. भारतीय धर्म प्राण व्यक्तियों को संवैधानिक अधिकार के छेड़छाड़ का अधिकार किसी को नहीं है, इस संदर्भ में 1947 से पूर्व जो पूजन परंपरा चली आ रही है, उसमें छेड़छाड़ 1991अधिनियम का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि यह फैसला शांतिपूर्ण तरीके से वापस ले लिया जाये, अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन को उग्र किया जायेगा.

हम आम जन इस फैसले को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद् के सह जिला मंत्री राजीव प्रकाश “मधुकर” ने कहा कि हम सनातनी “महाजनों येन गत: सपंथा” को मानते है एवं इसी के तहत यहां बलि प्रदान की प्रथा है, जिसमें न्यास पर्षद द्वारा छेड़छाड़ करना सनातन पर हमला है, जिसे हम आम जन कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. न्यास पर्षद अपने इस तुगलकी फरमान को वापस लें अन्यथा आंदोलन उग्र होगा. उन्होंने कहा कि हल हाल में इस फैसले को वापस लेना होगा.

धार्मिक परंपरा एवं प्रकृति को अक्षुण्ण रखें

भाजपा जिला उपाध्यक्ष अदित्य नारायण “मन्ना” ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है एवं यह आदेश हमारी संस्कृति पर हमला है एवं कालिका पूजा के तंत्रोक्त विधि में बलि प्रथा भी सम्मिलित है, इस के लिए न्यास पर्षद के अध्यक्ष से अनुरोध है कि वह इस परंपरा विरोधी आदेश को वापस लेकर धार्मिक परंपरा एवं प्रकृति को अक्षुण्ण रखें.

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आदेश को निरस्त करने हेतु पत्र भेजें

भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुजीत मल्लिक ने कहा कि न्यास पर्षद के अध्यक्षत अखिलेश कुमार जैन का यह फैसला जनभावना को आहत करने वाला है. उन्होंने कहा कि मां श्यामा न्यास पर्षद, दरभंगा के स्थानीय सदस्यों को भी परंपरा हित को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य न्यास पर्षद को इस आदेश को निरस्त करने हेतु पत्र भेजें. भाजपा प्रदेश महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा मीना झा ने कहा कि भारत के सैकड़ों मंदिरों में तंत्रोक्त पद्धति से पूजन परंपरा चली आ रही है एवं जिसका उल्लेख दुर्गा सप्तशती सहित कई धार्मिक ग्रंथों में है, न्यास पर्षद के अध्यक्ष का यह निर्णय हमारी संस्कृति पर कुठाराघात है.

ये रहे मौजूद

इस पुतला दहन कार्यक्रम में रंगनाथ ठाकुर, मीना झा,आदित्य नारायण “मन्ना”, राजीव प्रकाश “मधुकर”, विजय चौधरी, सुजीत मल्लिक,अमृता मिश्रा, उमा देवी, मुन्नी देवी, राजकुमार मालाकार, अधिवक्ता जितेंद्र मिश्र, गौतम कुमार, प्रियांशु , विकाश चौधरी, अर्जुन सिंह, विजय झा, आचार्य कमलेश पंडित, योगेश यादव, मुन्ना साह, अमित सिंह, श्याम यादव , मुकेश झा सहित अनेक श्यामा भक्त उपस्थित थे.

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दरभंगा के श्यामा मंदिर में बलि प्रथा बंद होने पर सड़क पर उतरे लोग, बिहार न्यास पर्षद के अध्यक्ष का फूंका पुतला 2

मंदिर समिति में भी सामने आया मतभेद

इधर, मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के अंदर ही इस निर्णय को लेकर मतभेद पैदा हो गया है. समिति के दो उपाध्यक्ष एक दूसरे को इस निर्णय के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. मंदिर समिति के उपाध्यक्ष कमलाकांत झा ने इस निर्णय को गलत बताया है और बिहार धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र लिखकर यह सूचित किया है कि उन्होंने कभी इस प्रकार के निर्णय के लिए मांग या सहमति प्रदान नहीं की है. समिति के दूसरे उपाध्यक्ष जयशंकर झा पर ईशारों में आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि समिति में आये नये लोग इस प्रकार की मांग और फैसले लेकर भक्ताें की धार्मिक आस्था और भावना को आहत कर रहे हैं. मंदिर समिति की ओर से उपाध्यक्ष के पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जारी की गयी है.

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