बिहार: शराब छापेमारी में बाधा डालने वालों से अब सख्ती से निबटा जाएगा, मिर्ची स्प्रे का होगा इस्तेमाल
शराब छापेमारी दल की गाड़ियों के सामने लोग लेट जाते हैं या उनकी गाड़ियों को घेर लेते हैं, जिससे आरोपियों को भागने का मौका मिल जाता है. ऐसे में कार्रवाई पूरी करने के लिए मिर्ची स्प्रे के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया है
पटना. बिहार में अवैध शराब के खिलाफ होने वाली छापेमारियों में अवरोध पैदा करने वाले लोगों से अब सख्ती से निबटा जायेगा. छापेमारी दल को घेरने या उनको आगे बढ़ने से रोकने वाले महिलाओं या पुरुषों को सामने से हटाने के लिए उन पर मिर्ची स्प्रे का इस्तेमाल किया जायेगा. इसको लेकर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने पहली खेप में 700 स्प्रे का ऑर्डर दिया है. सोमवार को कुम्हरार स्थित विभागीय ग्रुप ट्रेनिंग सेंटर में इसका डेमो भी दिया गया.
छापेमारी दल पर लगातार बढ़ रहे हमलों को देखते हुए उठाया गया कदम
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने बताया कि अवैध शराब को लेकर होने वाले छापेमारी दल पर इन दिनों हमले बढ़े हैं. संगठित रूप से शराब के व्यवसाय को अवैध तरीके अंजाम देने वाले लोग बचने के लिए महिलाओं और बच्चों को आगे कर देते हैं. यह लोग छापेमारी दल की गाड़ियों के सामने लेट जाते हैं या उनकी गाड़ियों को घेर लेते हैं, जिससे आरोपियों को भागने का मौका मिल जाता है. ऐसे में कार्रवाई पूरी करने के लिए मिर्ची स्प्रे के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया है. कई राज्यों में उपद्रवियों से निबटने के लिए इस स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है. स्प्रे का प्रयोग से सामने खड़े लोगों की आंखों में तेज जलन होती है, जिससे विरोध करने वाले उग्र नहीं हो पाते. स्प्रे का असर आधे घंटे से अधिक समय तक रहता है.
जहरीली शराब कांड पर रहेगी विशेष नजर
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि मॉनसून में दियारा इलाके में पानी बढ़ने से चुलाई शराब बनाने वाले लोग अवैध तरीके से दूसरे राज्यों से स्प्रिट लाकर शराब बनाते हैं. इसकी वजह से जून, जुलाई और अगस्त महीने में ही जहरीली शराब से संबंधित घटनाएं अधिक होती है. विभाग इसको लेकर सतर्क है. सभी डीएम-एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे क्राइम मीटिंग में ट्रांसपोर्टरों के साथ ही ड्रग इंस्पेक्टरों को बुला कर उनके साथ बैठक करें. इसमें ट्रांसपोर्टरों को सख्त निर्देश दिया जाये कि अवैध ढंग से स्प्रिट की ढुलाई पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. ड्रग इंस्पेक्टर भी दवा दुकानदारों व एजेंसियों के भंडार की नियमित समीक्षा करते रहेंगे.
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