पटना एयरपोर्ट पर बम होने की गलत सूचना मामले में खुलासा, पुलिस पूछताछ में युवक ने बताई फोन करने की वजह
पुलिस की पूछताछ में सुधांशु शेखर ने बताया कि परिवार में संपत्ति विवाद चल रहा है. परिवार के ही कुछ लोग कब्जा करने के फिराक में है. भाई के साथ मां रांची जाने वाली थी. वह चाहता था कि मां रांची नहीं जाये, इसलिए एयरपोर्ट पर फोन कर बम होने की सूचना दे दी.
पटना, दरभंगा और रांची एयरपोर्ट पर आरडीएक्स बम होने की गलत सूचना देने वाले समस्तीपुर टाउन थाने की धर्मपुर पंजाबी कॉलोनी निवासी सुधांशु शेखर को गुरुवार को जेल भेज दिया गया. इसके खिलाफ में समस्तीपुर के टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उस पर घटना का सत्यापन करने पहुंची पुलिस पर जानलेवा हमला करने, शराब पीकर हंगामा करने का आरोप भी लगाया गया है. टाउन थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
मां को रांची जाने से रोकने के लिए किया था एयरपोर्ट पर फोन
पुलिस की पूछताछ में सुधांशु शेखर ने बताया कि परिवार में संपत्ति विवाद चल रहा है. परिवार के ही कुछ लोग कब्जा करने के फिराक में है. भाई के साथ मां रांची जाने वाली थी. वह चाहता था कि मां रांची नहीं जाये, इसलिए एयरपोर्ट पर फोन कर बम होने की सूचना दे दी. सुधांशु रोजगार सेवक का काम करता है. उसने पुलिस को यह भी जानकारी दी कि उसने गुगल से टर्मिनल मैनेजर का नंबर निकाला था और कॉल कर दिया था.
पटना के एयरपोर्ट थाने में सनहा दर्ज
इधर इस मामले में पटना टर्मिनल मैनेजर के बयान पर पटना के एयरपोर्ट थाने में सुधांशु शेखर के खिलाफ सनहा दर्ज किया गया है. टर्मिनल मैनेजर ने एयरपोर्ट थाने की पुलिस को यह लिखित जानकारी दी है कि उन्हें फोन कर यह बताया गया कि पटना व दरभंगा एयरपोर्ट पर बम रखा हुआ है. इसके बाद पूरे एयरपोर्ट परिसर की जांच करायी गयी, तो सूचना गलत निकली. पटना पुलिस ने फिलहाल सुंधाशु के खिलाफ में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. एयरपोर्ट थाने की पुलिस समस्तीपुर भी जांच करने जायेगी. साथ ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, ताकि उसका मकसद क्या था, इसकी जानकारी मिल सके. अगर उसका मकसद आपराधिक होगा, तो प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
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क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
एयरपोर्ट थानाध्यक्ष विनोद पीटर ने बताया कि अब तक की जांच में यह संज्ञेय अपराध का मामला नहीं बनता है. इसलिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. नियमानुसार जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. फोन करने वाले का मकसद क्या था, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है.