पटना. एसटीइटी-2019 को चुनौती देने वाली याचिका को पटना हाइकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया. इसके साथ ही एसटीइटी-2019 के रिजल्ट पर लगी कोर्ट की रोक भी हुई स्वतः समाप्त हो गयी और 37 हजार से अधिक हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया.
न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका को खारिज़ करते हुए इस मामले में किसी भी कानूनी हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया.
गौरतलब है कि इसी मामले में 26 नवंबर को हाइकोर्ट की एकलपीठ ने एसटीइटी की पुनर्परीक्षा के रिजल्ट पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी.
क्या था मामला
याचिकाकर्ता ने दो बिंदुओं पर एसटीइटी की पुनर्परीक्षा को चुनौती दी थी. पहला विरोध ऑनलाइन परीक्षा को लेकर था तो दूसरा परीक्षा का सिलेबस तय नहीं होना बताया गया था.
बिहार बोर्ड की तरफ से महाधिवक्ता ललित किशोर ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हाइस्कूल शिक्षकों को कंप्यूटर का इतना ज्ञान जरूर होना चाहिए कि वे ऑनलाइन परीक्षा दे सकें. कोरोना महामारी के समय में ऑनलाइन परीक्षा का कोई विकल्प नही था.
सितंबर, 2020 में ऑनलाइन के जरिये हुई पुनर्परीक्षा में कोई गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली है. सिलेबस के मुद्दे पर बोर्ड की दलील थी कि परीक्षा के लिए निकाले गये विज्ञापन में ही यह साफ किया गया था कि प्रश्न उच्चतर माध्यमिक सिलेबस तक के पूछे जायेंगे. हाइकोर्ट ने बोर्ड की दलीलों को मंज़ूर करते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया .
Posted by Ashish Jha