Petrol-Diesel: कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव जारी, भारतीय कंपनियों ने बताया कब सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल

Petrol-Diesel Price: पिछले 20 महीनों से भारतीय तेल वितरक कंपनियों ने देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. देश में जून 2017 से पहले हर 15 दिनों में तेल की कीमतें संशोधित की जाती थी. मगर, अब वैश्विक बाजार के अनुसार, भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें निर्धारित की जाती है

By Madhuresh Narayan | December 1, 2023 4:53 AM

Petrol-Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव जारी है. हालांकि, पिछले 20 महीनों से भारतीय तेल वितरक कंपनियों ने देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. देश में जून 2017 से पहले हर 15 दिनों में तेल की कीमतें संशोधित की जाती थी. मगर, अब वैश्विक बाजार के अनुसार, भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें निर्धारित की जाती है. इस बीच, भारतीय तेल वितरक कंपनियों ने बड़ी घोषणा की है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन तभी शुरू करेंगी, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से नीचे स्थिर हो जाएंगी. ये बात उद्योग के अधिकारियों ने कही है. तीन सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (‍BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने लगातार 20वें महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखा है. इन तीनों तेल कंपनियों के पास संयुक्त रूप से लगभग 90 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है.

पहली छमाही में कंपनियों को हुआ भारी नुकसान

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ. हालांकि, इससे पहले कीमतों में नरमी के कारण इन कंपनियों ने मुनाफा भी कमाया. एक अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में काफी अस्थिरता है और कीमतों में बेतहाशा उतार-चढ़ाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां इस समय कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती हैं और ऐसा करने पर हर कोई तारीफ करेगा. लेकिन, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतें बढ़ेंगी, तो क्या उन्हें दरें बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी, इस पर संदेह है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि किसी दिन डीजल पर मुनाफा होता है, लेकिन किसी दिन नुकसान. कोई तय रुझान नहीं है. अधिकारी ने कहा कि तेल विपणन कंपनियां कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन तभी शुरू करेंगी, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से नीचे स्थिर हो जाएंगी. पिछले साल छह अप्रैल से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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हाजिर मांग बढ़ने से कच्चातेल वायदा कीमतों में तेजी

मजबूत हाजिर मांग के बाद कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से वायदा कारोबार में बृहस्पतिवार को कच्चा तेल की कीमत 46 रुपये की तेजी के साथ 6,534 रुपये प्रति बैरल हो गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का दिसंबर माह में डिलिवरी होने वाला अनुबंध 46 रुपये या 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,534 रुपये प्रति बैरल हो गया. इसमें 10.823 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से कच्चातेल वायदा कीमतों में तेजी आई. वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 78.02 डॉलर प्रति बैरल हो गया जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.77 प्रतिशत घटकर 81.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

कैसे चेक करें अपने शहर का फ्यूल रेट

मैसेज के जरिए अपने शहर का फ्यूल रेट जानने के लिए बीपीसीएल (BPCL) के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज भेजना होगा. वहीं HPCL के ग्राहकों को दाम पता करने के लिए HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 पर मैसेज करें. इंडियन ऑयल के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज कर सकते हैं.

भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं

भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार द्वारा तय होते हैं और यह एक डायनामिक प्रक्रिया है जो विभिन्न कारगर कारकों पर निर्भर करती है. यहां कुछ मुख्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं:

  • आंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य (International Market Prices): भारत उपयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल के विश्वासपूर्वक संग्रहित वितरण नेटवर्क नहीं है. इसलिए, विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में उत्तराधिकार खत्म होने के बावजूद, भारत अंत में मात्रा और वितरण में परिभाषित है.

  • कर और शुल्क (Taxes and Duties): पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को निर्धारित करने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले कर और शुल्क शामिल होते हैं. यह आमतौर पर विभिन्न अद्यावधिक निर्णयों के आधार पर बदल सकते हैं.

  • राज्य सरकारों का योगदान (State Government Contribution): राज्य सरकारें भी पेट्रोल और डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने योगदान को शामिल कर सकती हैं. वे अपने राज्य में विभिन्न शुल्क और करों को लागू कर सकते हैं.

  • मुद्रा की मांग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति (Demand for Currency and Supply of Petroleum Products): पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और उनकी आपूर्ति के बीच संतुलन भी मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं. यदि उत्पादों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है, तो मूल्यों में वृद्धि हो सकती है. उत्पादों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है, तो मूल्यों में कमी हो सकती है.

  • निर्यात और आयात की घटनाएं (Export and Import Events): विभिन्न निर्यात और आयात की घटनाएं भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को प्रभावित कर सकती हैं.

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